उत्तराखंड में आपदा में क्षति पर दोगुना होगी मुआवजा राशि, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में सरकार आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए नीति में बदलाव की तैयारी कर रही है। इसके तहत अब आपदा में क्षति पर मुआवजा राशि दोगुना होगी। इसको लेकर उच्चस्तर पर पर गंभीरता से विचार चल रहा है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील उत्तराखंड में आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए नीति में बदलाव की तैयारी में जुटी प्रदेश सरकार आपदा में क्षति पर मुआवजा राशि दोगुना करने जा रही है। इस सिलसिले में उच्च स्तर पर गंभीरता से मंथन चल रहा है। माना जा रहा कि अगले दो माह में इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए जाएंगे।
प्राकृतिक आपदाओं और उत्तराखंड का मानो चोली-दामन का साथ है। समूचा राज्य भूकंप के दृष्टिकोण से जोन चार व पांच के अंतर्गत है तो अतिवृष्टि, भूस्खलन, बादल फटने जैसी आपदाओं से यह सूबा त्रस्त है। पर्वतीय क्षेत्रों में ऐसे गांवों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो आपदा के लिहाज से बेहद संवेदनशील हैं। ऐसे गांवों की तादाद करीब साढ़े चार सौ पहुंच गई है। इस हिसाब से इनके विस्थापन की रफ्तार बेहद धीमी है। हालांकि, सरकार ने इस साल 1100 परिवारों के विस्थापन की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। यही नहीं, पुनर्वास के कई मानक भी इस राह में दिक्कतें खड़ी कर रहे हैं। इसे देखते हुए पुनर्वास नीति में बदलाव के मद्देनजर सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है।
इसके साथ ही आपदा में क्षति पर मुआवजा राशि बढ़ाने की भी मांग उठती आई है। वजह यह कि मुआवजे की राशि बहुत कम है। आपदा में मानव हानि पर पांच लाख रुपये की राशि प्रभावित परिवार को दी जाती है। इसके अलावा 33 फीसद से अधिक फसल क्षति पर 13500 से 18000 रुपये प्रति हेक्टेयर का प्रविधान है। इसी तरह पशुहानि, भवन क्षति आदि के मामलों में भी मुआवजा राशि दी जाती है, मगर यह भी काफी कम है। अब सरकार क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ाने जा रही है।
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डा धन सिंह रावत के अनुसार पुनर्वास नीति में बदलाव को लेकर गठित कमेटी को क्षतिपूर्ति के मानकों की व्यवहारिकता और इसे दोगुना करने समेत अन्य बिंदुओं पर भी रिपोर्ट देने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही आपदा में क्षतिपूर्ति की राशि दोगुना की जाएगी। इसके अलावा आपदा प्रभावितों के हित में अन्य कई कदम उठाने पर भी सरकार विचार कर रही है।
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