सरहद की निगहबानी को तैयार हैं देश के भावी सैन्य अफसर
गुरुवार को आइएमए गीत की धुन पर उन्होंने शानदार परेड का प्रदर्शन किया। परेड में सधे हुए कदम और शानदार ड्रिल ने जेंटलमैन कैडेट्स के आइएमए में लिए प्रशिक्षण को सार्थक साबित किया।
देहरादून, [जेएनएन]: देश के भावी सैन्य अफसर सरहद की निगहबानी को तैयार हैं। गुरुवार को आइएमए गीत की धुन पर उन्होंने शानदार परेड का प्रदर्शन किया। परेड में सधे हुए कदम और शानदार ड्रिल ने जेंटलमैन कैडेट्स के आइएमए में लिए प्रशिक्षण को सार्थक साबित किया। आइएमए कमान्डेंट ले जनरल एसके उपाध्याय ने परेड की सलामी ली।
भारतीय सेना को इस शनिवार 423 युवा अफसरों की टोली मिल जाएगी। इसके अलावा दस मित्र देशों के 67 कैडेट भी आइएमए से कड़ा प्रशिक्षण लेकर अपनी-अपनी सेना का हिस्सा बनेंगे। मुख्य परेड से पहले गुरुवार को अकादमी में कमान्डेंट परेड का आयोजन किया गया। इसे पासिंग आउट परेड की अंतिम रिहर्सल के रूप में देखा जाता है। आइएमए कमान्डेंट ने पासिंग आउट बैच के जेंटलमैन कैडेट्स को अग्रिम शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि बतौर सैन्य अधिकारी सेना में शामिल होने जा रहे कैडेट्स को सैन्य परंपराओं का निर्वहन कर आगे बढऩा होगा। सैन्य जीवन में आने वाली चुनौतियों को पार करने की सीख भी उन्होंने दी। कमान्डेंट ने कहा कि अब सेना की प्रतिष्ठा उनके कंधों पर है। कैडेट्स ने कड़ी मेहनत के बाद यह सम्मान हासिल किया है। उन्हें चरित्र, सामथ्र्य, प्रतिबद्धता व संवेदना के सेना के मूल्यों को भी जीवन में आत्मसात करना होगा।
उन्होंने कहा कि अंतिम पग भरते ही कैडेट भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन जाएंगे। देश की उम्मीदें उन पर टिकी हैं। ऐसे में देश के मान-सम्मान को आंच न आए यह उनकी पहली जिम्मेदारी है। वर्दी में होने के नाते उन्हें समाज के साथ ही राष्ट्र निर्माण में भी योगदान देना है। इस दौरान सेवारत व सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, स्कूली बच्चे व कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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