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चुनाव से पहले त्रिवेंद्र के मास्टर स्ट्रोक से विपक्ष हुआ असहज

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकार के अधीन सभी सेवाओं में समूह ग की सीधी भर्ती के पदों पर राज्य के स्थायी निवासियों को प्राथमिकता देने का फैसला कर मास्टर स्ट्रोक खेल डाला।

By Edited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 09:14 PM (IST)
चुनाव से पहले त्रिवेंद्र के मास्टर स्ट्रोक से विपक्ष हुआ असहज
चुनाव से पहले त्रिवेंद्र के मास्टर स्ट्रोक से विपक्ष हुआ असहज

देहरादून, विकास धूलिया। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के अधीन सभी सेवाओं के समूह ग के सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति में राज्य के स्थायी निवासियों को प्राथमिकता देने का फैसला कर मास्टर स्ट्रोक खेल डाला। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले का दूरगामी असर होगा। खासकर, रोजगार को लेकर स्थानीय युवाओं के समक्ष जो संकट आ खड़ा हुआ था, उससे अब उन्हें काफी हद तक राहत मिल गई है। यही नहीं, आर्थिक आधार पर कमजोर सवर्णो को दस फीसद आरक्षण भी सरकार ने लागू कर दिया है। 

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स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए अब राज्य सरकार के अधीन सभी सेवाओं के समूह ग के सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति में राज्य के स्थायी निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी। अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परिधि के अंतर्गत तथा लोक सेवा आयोग की परिधि के बाहर समूह ग के सीधी भर्ती के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करने के लिए वही युवा पात्र होगा, जिसने अपनी हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट अथवा इनके समकक्ष स्तर की शिक्षा उत्तराखंड में स्थित मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्राप्त की होगी। 

दरअसल, सरकार ने स्थानीय युवाओं को समूह ग भर्ती में वरीयता देने के उद्देश्य से सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण का प्रावधान किया था, जिसे हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था। राज्य सरकार पर स्थानीय युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर मुहैया कराने के लिए इसके बाद से लगातार दबाव पड़ रहा था। विपक्ष इसे राजनैतिक मुद्दा बनाए हुए था। 

राज्य में युवा मतदाताओं की संख्या खासी है। यही नहीं, इनमें बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा ही ज्यादा है। स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के मौके कम होने से उनका सरकार के प्रति रोष लाजिमी था। यही वजह रही कि सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह अहम फैसला कर मास्टर स्ट्रोक खेल डाला। 

महत्वपूर्ण बात यह रही कि बुधवार को कैबिनेट द्वारा इस फैसले पर मुहर लगाए जाने के साथ ही राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णो के लिए दस फीसद आरक्षण भी लागू कर दिया। युवा वर्ग और रोजगार से जुड़े दो महत्वपूर्ण फैसलों के एक ही दिन धरातल पर उतरने से सरकार की छाती चौड़ी होना स्वाभाविक ही है। दिलचस्प बात यह कि अभी तक इस मुद्दे पर लगातार हमलावर रहा विपक्ष अब कुछ कह पाने की स्थिति में स्वयं को नहीं पा रहा है। 

पलायन रोकने में मिलेगी मदद 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुताबिक इस निर्णय से राज्य से होने वाले युवाओं के पलायन को रोकने में मदद मिलेगी तथा युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो पाएंगे। राज्य के युवाओं के व्यापक हित में राज्य सरकार की यह पहल निश्चित रूप से प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को राज्य की मुख्य धारा से जोड़ने में भी मददगार होगी। 

इंदिरा ने दिया ये बयान 

नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार अभी तक समूह ग के पदों पर नियुक्ति नहीं कर पा रही है। सरकार समूह ग के पदों पर अर्हता स्थानीय दृष्टि से तय नहीं कर पा रही है। सरकार को इस अर्हता को केवल स्थानीय करना चाहिए।

गलती में किया सुधार 

यूकेडी के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर भट्ट के मुताबिक अभी इस निर्णय की स्पष्ट जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो सरकार ने गलती में सुधार किया है। इस तरह की गलती दोबारा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

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