सीएम त्रिवेंद्र रावत बोले, सचिवालय में सुधार की गुंजाइश
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अभी सचिवालय में सुधार की काफी गुंजाइश बची है। इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। अभी एक फाइल को सात चरण के होकर गुजरना पड़ रहा है।
देहरादून, [जेएनएन]: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अभी सचिवालय में सुधार की काफी गुंजाइश बची है। इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। यहां तक कि एक फाइल को मंत्री तक पहुंचने के लिए सात कुर्सियों से होकर गुजरना पड़ता था। सरकार ने इस मामले में सख्ती बरतते हुए कहा है कि इन सात स्टैप को कम करते हुए तीन स्टैप तक सीमित किया जाए।
प्रदेश में चल रहे शराब के विरोध के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शराब को प्रोत्साहन नहीं देगी, साथ ही लोगों से अपील करेगी कि वह शराब का सेवन न करें। हालांकि, सरकार अगले पांच साल में इस मसले पर ठोस कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत की। भाजपा कैंट विधानसभा की ओर से आयोजित सीएम के अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री ने यह बातें कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से भले ही वह कठोर नजर आते हैं, लेकिन अंदर से नियत साफ है। हाल ही में छह अधिकारियों को सस्पेंड करने के मामले का उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा कि वह निर्णय लेने में एक सेकंड भी व्यर्थ नहीं करते।
उधर, पीबीओआर पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन के सम्मान समारोह में सीएम ने कहा कि जिस हिसाब से उन्हें बहुमत मिला है, उससे प्रदेश में उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। भ्रष्टाचार को खत्म करना प्राथमिकता होगी। यदि भ्रष्टाचार खत्म हुआ तो राज्य स्वयं प्रगति करेगा। पहाड़ से पलायन रोकना सरकार की प्राथमिकता में है। सरकार चाहती है कि पलायन सिर्फ विकास के लिए हो, मजबूरी के लिए नहीं।
इसके लिए वरिष्ठ मंत्री सतपाल महाराज के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया जाएगा। साथ ही रोजगार सृजन और कौशल विकास के नाम से अलग से मंत्रालय बनाया जा रहा है। उपनल में सैनिकों के बजाए गैर सैनिकों की नियुक्ति के संबंध में पूछे गए सवाल पर सीएम ने कहा कि यह मामला संज्ञान में हैं। उपनल को पुन: उसी स्वरूप में लाया जाएगा, जिसके लिए उसका गठन किया गया था।
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