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संतुलित व समावेशी है केंद्र का आम बजट: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

संसद में वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2019 पेश किया। इस पर नेताओं ने अपनी प्रतिक्रया दी। बजट को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने अर्थव्यवस्था सुधारने वाला बताया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 04:39 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 09:07 PM (IST)
संतुलित व समावेशी है केंद्र का आम बजट: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
संतुलित व समावेशी है केंद्र का आम बजट: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

देहरादून, जेएनएन। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट संतुलित, समावेशी और विकासपरक है। यह बजट मजबूत देश के लिए मजबूत नागरिक के संकल्प को दर्शाता है। इसमें आम जन के कल्याण की योजनाओं के साथ देश में ढांचागत विकास की मजबूती और उद्योगों के विकास पर जोर दिया गया है। 

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मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देते हुए कहा कि बजट में करीब तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की रूपरेखा रखी गई है। पांच साल में बुनियादी सुविधाओं पर 100 लाख करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। गांव, गरीब व किसान के कल्याण के साथ हर घर शौचालय व हर व्यक्ति को घर और हर घर नल का लक्ष्य रखा गया है। 45 लाख रुपये तक के घर पर ब्याज में 3.5 लाख रुपये की छूट का प्रावधान कर मध्यम वर्ग को राहत दी गई है। 

उन्होंने कहा कि यह टीम इंडिया का बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास के संकल्प को पूरा करने वाला बजट है। किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं, कारीगरों व छोटे उद्यमियों सभी को ध्यान रखने वाला बजट है। वर्तमान में क्रय शक्ति समानता के आधार पर दुनिया की तीन ट्रिलियन डॉलर की तीसरी सबसे बड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने वाला बजट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में 17 आइकॉनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जाएंगे। इससे पर्यटन को मजबूती मिलेगी। आम आदमी के साथ ही उद्योगों को बढ़ाने और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खास जोर दे रहे हैं। नए औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का लक्ष्य रखा है। उड़ान से छोटे शहरों को हवाई सफर से जोड़ा गया है। वन नेशन व वन ग्रिड व इलेक्ट्रिक वाहनों पर कर छूट स्वागतयोग्य है। छोटे उद्यमियों का विशेष ध्यान रखा गया है। पीएम कर्मयोगी मानधन योजना से छोटे दुकानदारों को पेंशन का फायदा मिलेगा। एमएसएमई से ज्यादा रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है। एमएसएमई के लिए अलग पोर्टल बनाया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट की हर योजना केंद्र में गांव, गरीब व किसान हैं। 2022 तक पीएम आवास योजना के तहत 1.95 करोड़ जरूरतमंदों को घर देने का लक्ष्य है। हर गांव में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था की जाएगी। पीएमजीएसवाइ के तहत सड़कों का निर्माण व अपग्रेडेशन का लक्ष्य रखा गया है। जीरो बजट फार्मिंग व अन्नदाता को ऊर्जादाता बनाने की खास पहल उल्लेखनीय है। महिला एसएचजी को जन धन अकाउंट पर पांच हजार रुपये ओवर ड्राफ्ट की सुविधा दी गई है।

पूजीपतियों के संकेत पर 44 कानूनों को 4 कानूनों में बदलना चाहते 

पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने ट्वीट कर बजट पर अपनी प्रतिक्र‍िया दी है। उन्‍होंने कहा कि निर्मला सीतारमण जी का बजट भाषण सुना। निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 44 के करीब श्रम कानूनों के स्‍थान पर केवल चार कानून अस्तित्‍व में रहेंगे। देश के पूंजीपति पिछले 15 वर्षों से इस कार्य के लिए दबाव पैदा कर रहे थे। हम जैसे लोग जिन्‍होंने श्रम सुरक्षा के लिए और श्रमिक सुरक्षा के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया, ये कानून श्रमिकों के लंबे संघर्ष के प्रतीत हैं और नरेंद्र मोदी जी अंबानी, अदानी जैसे पूजीपतियों के संकेत पर 44 कानूनों को 4 कानूनों में बदलना चाहते हैं। ये पहला तोहफा है जो मोदी सरकार ने मजदूरों को, श्रमिकों दिया है। क्‍या यह तोहफा मेरे श्रमिक भाइयों आप स्‍वीकार करेंगे।

वित्‍त मंत्री का पहला बजट निराशाजनक रहा 

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष किशोर उपाध्‍याय ने एक बयान जारी कर बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने कहा कि ईवीएम से निकली सरकार और वित्‍त मंत्री का पहला बजट निराशाजनक रहा है। विशेषकर महिला वित्‍तमंत्री होने के नाते गृहिणियों ने वित्‍त मंत्री से जो आशाएं और अपेक्षाएं पाल रखी थीं, उन्‍होंने उन पर तुषारापात कर दिया है। पर्यावरणीय सरोकार की अनदेखी की गई है। मध्‍य हिमालयी राज्‍य जो देश के लिए सबसे अधिक पर्यावरणीय सेवाएं दे रहे हैं, बजट से उन राज्‍यों को सबसे अधिक निराशा हुई है। गंगा के बेटे की वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में गंगा का उल्‍लेख तक नहीं किया है। ग्रीन बोनस की चर्चा तक नहीं है। यह बजट अमीरों की सरकार द्वारा अमीरों के लिए बनाया गया है। इस बजट से समाज में आर्थिक असमानता, बेरोजगारी और महंगाई बढ़ेगी। इस बजट पर भाजपा के लिए लोक सभा चुनावों में संसाधन झोकने वाली ताकतों की छाया स्‍पष्‍ट दिखाई दे रही है और यह बजट पल्‍लवित और पुष्प‍ित करने के लिए है। 

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