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हरीश रावत ने इस्तीफे से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर बढ़ाया दबाव

लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रीय महासचिव और असम प्रभारी के पदभार से इस्तीफा देकर हरीश रावत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर भी दबाव बढ़ा दिया।

By Edited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 09:41 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 09:10 PM (IST)
हरीश रावत ने इस्तीफे से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर बढ़ाया दबाव
हरीश रावत ने इस्तीफे से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर बढ़ाया दबाव

देहरादून, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए राष्ट्रीय महासचिव और असम प्रभारी के पदभार से इस्तीफा देकर हरीश रावत ने प्रदेश में कांग्रेस की सियासत को गर्मा दिया है। रावत के इस्तीफे के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत प्रदेश पदाधिकारियों पर भी इस्तीफे को लेकर दबाव बढ़ गया है। 

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लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद जिस तरह राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पद छोड़ा है, उससे कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में हलचल और असमंजस बढ़ गया है। अपने इस्तीफे के बाद राहुल गांधी पार्टी के अन्य पदाधिकारियों को भी निशाने पर ले चुके हैं। इस बीच राष्ट्रीय महासचिव और असम प्रभारी के पद से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इस्तीफा दे दिया है। यह दीगर बात है कि इसकी जानकारी उन्होंने फेसबुक पोस्ट पर दी। 

हरीश रावत उत्तराखंड की सियासत से गहरे जुड़े रहे हैं। उत्तराखंड में भी कांग्रेस को लोकसभा की पांचों सीटों पर हार मिली। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नैनीताल संसदीय सीट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह टिहरी संसदीय सीट और राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा अल्मोड़ा संसदीय सीट से पार्टी प्रत्याशी थे।

इन तीनों दिग्गजों को भी हार का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और असम के प्रभारी के तौर पर हरीश रावत ने इस्तीफा तो दिया ही, साथ ही लोकसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी की संगठनात्मक कमजोरी के लिए भी पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। असम में पार्टी का प्रदर्शन अपेक्षित नहीं रहने के लिए भी बतौर प्रभारी उन्होंने खुद को उत्तरदायी ठहराने से गुरेज नहीं किया। 

रावत के इस स्टैंड को प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर दबाव बढ़ाने वाला माना जा रहा है। हालांकि इससे प्रदेश में पार्टी के भीतर गुटबंदी तेज होने के आसार हैं। प्रदेश में कांग्रेस के भीतर प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश की सियासी जुगलबंदी को हरीश रावत खेमे से गाहे-बगाहे चुनौती मिलती रहती है। 

हालांकि श्रीनगर और बाजपुर में आठ जुलाई को होने वाले नगर निकाय चुनाव में पार्टी को कामयाबी दिलाने को पार्टी के सभी दिग्गज नेता एकजुट दिख रहे हैं। पहले बाजपुर और फिर गुरुवार को श्रीनगर नगरपालिका परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में सभी दिग्गजों ने एक साथ प्रचार भी किया। फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मीडिया से बातचीत में प्रदेश में कांग्रेस के भीतर किसी तरह की गुटबाजी होने से साफ इन्कार किया है।

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