प्रयागराज की तर्ज पर कुंभ मेला क्षेत्र के विस्तार को सीएम ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुंभ मेला 2021 में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की संभावना को देखते हुए कुंभ मेला क्षेत्र के विस्तार करने की आवश्यकता बताई।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुंभ मेला 2021 की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कुंभ मेले में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की संभावना को देखते हुए कुंभ मेला क्षेत्र के विस्तार करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने तेजी से कार्य पूर्ण करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में वर्ष 2019 में हुए कुंभ मेले की तैयारियों का प्रस्तुतिकरण किया गया। उत्तर प्रदेश से आए मेलाधिकारी प्रयागराज विजय किरन आनंद ने प्रस्तुतिकरण के साथ ही तैयारियों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज में आयोजित कुंभ पूर्ण रूप से सफल रहा था। उन्होंने इसके अध्यक्ष के साथ ही मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के अनुभवों की सहायता से कुंभ 2021 को सफल बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ 2021 में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। इनके लिए मेला क्षेत्र का विस्तार किया जाना है। इसके साथ ही अवस्थापना संबंधी कार्य जैसे सड़क, विद्युत, पेयजल आपूर्ति, कानून-व्यवस्था, स्वास्थ्य, कूड़ा निस्तारण, आवासीय सुविधा व पार्किंग आदि व्यवस्थाओं को समय पर पूर्ण करने के उन्होंने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कुंभ के लिए सेक्टर अधिकारियों की तैनाती भी जल्द से जल्द की जाए।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, मेलाधिकारी कुंभ मेला 2021 दीपक रावत, महानिदेशक पुलिस अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, दिलीप जावलकर व सौजन्या समेत शासन के आला अधिकारी उपस्थित थे।
सीएए से पीड़ितों के घावों पर लग रही मरहम: त्रिवेंद्र
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का समर्थन करते हुए इसे अहम कदम बताया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक वर्ग विशेष इसका विरोध कर रहा है, वह उचित नहीं है। भारत की परंपरा शरणागतों को शरण देने की रही है। इसी परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है।
सीएए पर लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएए ने वर्षो से अनाचार व अत्याचार से पीड़ित लोगों के घावों पर मरहम लगाने का काम है। जिस तरह से इस मामले में एक वर्ग विशेष रुचि ले रहा है वह ठीक नहीं है। पड़ोसी देशों में जो पीड़ित हो रहे हैं वे मुस्लिम नहीं बल्कि हिंदू, पारसी, सिख व बौद्ध हैं। उन्हें परेशान किया जा रहा है। सरकार उनके घावों पर मरहम लगाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत में शरणागत को शरण व सुरक्षा देने की परंपरा रही है। उसी का निर्वहन किया जा रहा है।
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गौरतलब है कि प्रदेश सरकार पहले से ही सीएए के विरोध पर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। मुख्यमंत्री पहले भी कह चुके हैं कि बाहर से आने वाले चुनिंदा लोग प्रदेश का माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश में अराजक तत्वों का कोई स्थान नहीं है। जरूरत पड़ने पर ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। हल्द्वानी में सीएए के खिलाफ चल रहे आंदोलन का समापन राष्ट्रगान के साथ करने का मुख्यमंत्री ने स्वागत भी किया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश सरकार की मंशा शांति व भाईचारा बनाए रखने की है।
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