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    देहरादून में आदि गौरव महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भगवान बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि

    By RAVINDRA KUMAR BARTHWALEdited By: Sunil Negi
    Updated: Sat, 15 Nov 2025 08:25 PM (IST)

    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आदि गौरव महोत्सव में भाग लिया। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समुदायों के विकास के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए काम कर रही है।

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    रेंजर ग्राउंड्स, देहरादून में आयोजित आदि गौरव महोत्सव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून : शनिवार को रेंजर ग्राउंड में आयोजित आदि गौरव महोत्सव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं दीं और भगवान बिरसा मुंडा जी को कोटि-कोटि नमन किया।

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    मुख्यमंत्री ने कहा कि आदि गौरव महोत्सव केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं, वीरता, संस्कृति और आस्था का उत्सव है। ऐसे आयोजन जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान करते हैं तथा समाज के अन्य वर्गों को जनजातीय समुदाय की समृद्ध कला और संस्कृति से परिचित कराते हैं।

    जनजातीय समाज देश की विविधता की ताकत: मुख्यमंत्री

    मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी संघर्ष, स्वाभिमान और संगठित शक्ति के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि "जब तक समाज की सबसे कमजोर कड़ी मजबूत नहीं होती, तब तक देश वास्तविक रूप से मजबूत नहीं हो सकता।"

    उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जनजातीय समाज के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय बजट को तीन गुना तक बढ़ाना, जनजातीय समुदाय के प्रति उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है।

    128 जनजातीय गांवों का चयन, शिक्षा, स्वास्थ्य व आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष फोकस
    मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों को चिह्नित किया गया है, जहां आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका को बढ़ावा देने की दिशा में विशेष कार्य किए जा रहे हैं।

    जनजातीय समाज के लिए चल रही प्रमुख पहलें

    मुख्यमंत्री ने जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों का विवरण भी साझा किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में चार एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय-कालसी, मेहरावना, बाजपुर व खटीमा में संचालित हैं, पिथौरागढ़ जिले में भोटिया तथा राजी जनजाति के लिए नया एकलव्य विद्यालय खोलने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। प्राथमिक से स्नातकोत्तर तक छात्रवृत्ति योजना, जिससे हजारों जनजातीय छात्र लाभान्वित हो रहे हैं।

    प्रदेश में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित हैं। शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए तीन आइटीआइ कालेज, तकनीकी प्रशिक्षण के लिए समर्पित हैं।

    प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निश्शुल्क कोचिंग व छात्रवृत्ति, जनजातीय समाज की बेटियों के विवाह के लिए 50,000 अनुदान,जनजातीय कला, संस्कृति व खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य जनजाति महोत्सव व खेल महोत्सव का नियमित आयोजन, जनजातीय शोध संस्थान के लिए एक करोड़ का कार्पस फंड की व्यवस्था है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी प्रयास जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

    जनजातीय गौरव दिवस का महत्व

    मुख्यमंत्री ने स्मरण कराया कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। यह दिवस केवल भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को याद करने का ही नहीं, बल्कि जनजातीय संस्कृति और इतिहास को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी अवसर है।
    उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार इस महोत्सव के आयोजन के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है ताकि जनजातीय संस्कृति का संरक्षण और विस्तार सुनिश्चित हो सके।

    पहली बार जनजातीय इतिहास को मिला राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने जनजातीय समाज के स्वतंत्रता संग्राम तथा राष्ट्र निर्माण में योगदान को कभी पर्याप्त स्थान नहीं दिया। लेकिन आज पीएम मोदी के नेतृत्व में देश जागृत है और जनजातीय नायकों के महान योगदान को इतिहास में उचित सम्मान मिल रहा है।

    जनजातीय समाज के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई

    मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हमारी सरकार उत्तराखंड के आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर संकल्पित है। हम ‘विकल्प रहित संकल्प’ के साथ उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं।” कार्यक्रम में देशभर और राज्य के विभिन्न जनजातिया एवं सांस्कृतिक समूहों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

    कार्यक्रम में राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, सचिव एवं अपर सचिव समाज कल्याण व विभाग के अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

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