सेना का सिविल क्लर्क चार लाख रिश्वत लेते गिरफ्तार, घर से मिले 52 लाख
सीबीआइ ने पौड़ी जिले के लैंसडौन स्थित गढ़वाल रेजीमेंट के सिविल क्लर्क को गुरुवार देर शाम चार लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
देहरादून, [जेएनएन]: सीबीआइ ने पौड़ी जिले के लैंसडौन स्थित गढ़वाल रेजीमेंट के सिविल क्लर्क को गुरुवार देर शाम चार लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उसने यह रकम अपने एक सहकर्मी को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन और एरियर का लाभ देने की एवज मांगी थी। आरोपी के घर 52 लाख रुपये कैश मिले और देहरादून में 16 प्लॉट होने के कागजात मिले। कर्मचारी की शिकायत पर सीबीआइ की देहरादून टीम ने यह कार्रवाई की। आज सीबीआई ने आरोपी को देहरादून स्थित सीबीआई न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की अदालत में पेश किया।
सीबीआइ सूत्रों के अनुसार गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर में तैनात ट्रेडमैन मोहन लौहार दो माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं, उन्हें अभी तक छठे वेतन आयोग के तहत लाभ नहीं मिला है। रेजीमेंट के सिविल क्लर्क प्रताप सिंह रावत ने मोहन से इसके अनुरूप पुनरीक्षित वेतनमान व एरियर दिए जाने बदले में चार लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। कर्मचारी की शिकायत पर गुरुवार को सीबीआइ की टीम पौड़ी जनपद के लैंसडौन स्थित रेजीमेंट मुख्यालय पहुंची।
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तय योजना के तहत शाम को सिविल क्लर्क प्रताप सिंह को सह कर्मी के माध्यम से लेन-देन के लिए गांधी चौक के निकट बुलाया गया। यहां रामलीला के मंच के पास जैसे ही मोहन ने क्लर्क को रिश्वत की रकम थमाई, तभी सीबीआइ टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया। प्रारंभिक पूछताछ के बाद सीबीआई की टीम आरोपी क्लर्क को लेकर देहरादून ले आई।
पुलिस को रखा दूर
लैंसडौन कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक नीरज त्यागी ने बताया कि सीबीआई की टीम कोतवाली में पहुंची थी, लेकिन कुछ देर बाद वह कोई जानकारी दिए बिना यहां से लौट गई।
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