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    Dehradun: नहीं रहे शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी, दिल का दौरा पड़ने से नजीबाबाद में हुआ निधन

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 11:51 PM (IST)

    देहरादून के शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी का 75 वर्ष की आयु में नजीबाबाद में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे जमीअत उलमा-ए-हिन्द उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष भी थे। शनिवार को विवाह समारोह में शामिल होने जाते समय उन्हें दिल का दौरा पड़ा। पिछले चार दशकों से वे शहर काजी और जामा मस्जिद पलटन बाजार में इमाम थे। 

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    शहर काजी मौलाना मौहम्मद अहमद कासमी। जागरण

    जागरण संवाददाता, देहरादून: शहर काजी और जमीअत उलमा-ए-हिन्द उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी का शनिवार देर शाम दिल का दौरा पड़ने से नजीबाबाद में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे।

    शनिवार को शहर काजी देहरादून से एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के बिजनौर जा रहे थे। चिड़ियापुर के पास अचानक दिल का दौरा पड़ने से उन्हें नजीबाबाद अस्पताल पहुंचााया। लेकिन जान नहीं बच पाई।

    पिछले चार दशकों से शहर काजी और जामा मस्जिद पलटन बाजार में बतौर इमाम थे। उनका लंबे समय से स्वास्थ्य खराब चल रहा था। उनके दो बेटे और चार बेटियां हैं। आज भंडारी बाग स्थित आवास पर पार्थिव शरीर दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद सुपुर्द-ए खाक किया जाएगा।

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    सामाजिक ताने-बाने को संवारने में गुजारी उम्र

    शहर काजी और जमीअत उलमा-ए-हिन्द उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी के निधन पर राजनीतिक दलों के साथ ही धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने भी दुख जताया है। इसके लिए शाम से ही उनके भंडारीबाग स्थित आवास पर लोग पहुंचने लगे। उन्होंने ने सामाजिक व धार्मिक ताने-बाने को संवारने में तमाम उम्र गुजारी।

    जमीअत के प्रदेश मीडिया प्रभारी मौहम्मद शाह नजर ने बताया कि शहर काजी ने रूप में उन्होंने न सिर्फ समस्याओं को सुलझाने में अहम किरदार निभाया, बल्कि आम मुसलमानों की सामाजिक सुधार, शैक्षिक जागरूकता और एकता-ए-उम्मत के लिए कई बड़े अभियान भी चलाए।

    जमीअत के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना हुसैन अहमद, प्रदेश उपाध्यक्ष मुफ्ति रईस अहमद कासमी, प्रदेश महासचिव मौलाना शराफत अली कासमी ने कहा कि शहर काजी की कोशिश से शहर में कई जरूरी सुधार हुए और कई बार नाजुक हालात भी उनकी दूरअंदेशी से काबू में आए। उनका इस दुनिया से जाना मुस्लिम समाज के लिए बड़ा नुकसान है।

    उन्होंने उत्तराखंड की इल्मी व रूहानी विरासत को अपने अस्तित्व से रोशन किया। शोक जताने वालों में जमीअत के जिलाध्यक्ष मौलाना अब्दुल मन्नान कासमी, मास्टर अब्दुल सत्तार, मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी, उपाध्यक्ष आकिब कुरैशी, दायित्व फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद युसूफ, मौलाना मासूम कासमी, मुफ्ति ताहिर कासमी ने दुख जताया।

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