ये कैसा ट्रैफिक प्लान, अनाधिकृत रूट पर भी दौड़ रही सिटी बसें; पढ़िए पूरी खबर
ट्रैफिक प्लान न सिर्फ व्यावहारिकता पर भारी पड़ रहा है बल्कि तकनीकी रूप से भी इसकी खामियां सामने आने लगी हैं।
देहरादून, जेएनएन। नया ट्रैफिक प्लान न सिर्फ व्यावहारिकता पर भारी पड़ रहा है, बल्कि तकनीकी रूप से भी इसकी खामियां सामने आने लगी हैं। शायद ही पुलिस ने इस बात पर गौर किया हो कि बदली ट्रैफिक व्यवस्था में सिटी बसों का अधिकृत रूट भी बदल गया है। 108 सिटी बसें अधिकृत रूट के अलावा अनाधिकृत रूट पर भी दौड़ रही हैं। इसमें परेड ग्राउंड से चलने वाली छह रूट की बसें भी शामिल हैं।
बेशक रूट में यह परिवर्तन पुलिस के ट्रैफिक प्लान के चलते किया गया है, मगर यह अनदेखी सिटी बस संचालकों पर कभी भी भारी पड़ सकती है। भगवान न करे अगर कभी अनाधिकृत रूट पर कोई हादसा हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? क्योंकि, संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने नए प्लान वाले रूट को मंजूरी नहीं दी है। आरटीए के नियमों में स्पष्ट है कि किसी दिन विशेष पर ही बसों के रूट में परिवर्तन किया जा सकता है। इससे इतर अन्य तरह की व्यवस्थाओं में बिना स्वीकृति रूट परिवर्तन की अनुमति नहीं है।
ओवरलोड होकर दौड़ रहीं सिटी बसें
विक्रमों के निर्धारित स्टॉपेज तक न पहुंच पाने के कारण यात्रियों ने सिटी बसों की तरफ रुख करना शुरू कर दिया है। इसके चलते अधिकतर सिटी बसें ओवरलोड होकर चल रही हैं। ऐसे में दुर्घटना की आशंका भी बढ़ रही हैं। सवाल अपने ट्रैफिक प्लान का है तो पुलिस ने भी इस अनदेखी से निगाह फेर ली है।
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यहां भी बढ़ी यात्रियों की परेशानी
एक तरफ सिटी बसें अनाधिकृत रूटों पर चल रही हैं और दूसरी तरफ प्लान वाले क्षेत्र में बसों को रुकने नहीं दिया जा रहा। इसके चलते यात्री गंतव्य पर नहीं उतर पा रहे और उन्हें बस में चढऩे के लिए भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है।
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यहां की बसों के रूट बदले
परेड ग्राउंड से इन रूट पर चलने वाली बसें
सहस्रधारा, मालदेवता, डोईवाला, गूलरघाटी, पुरकुल, प्रेमनगर-झाझरा की कुल 34 बसें।
राजपुर-क्लेमेनटाउन की 34 बसें।
नालापानी-सीमाद्वार रूट की 20 बसें।
डीएल रोड-नवादा रूट की 20 बसें।
महानगर सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने कहा कि पुलिस का काला कानून सिटी बस चालकों और संचालकों की मुसीबत बढ़ा रहा है। यदि जल्द पुलिस ने मूल रूट बहाल नहीं किया तो महासंघ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।
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