Winter Diseases बदलते मौसम में बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी है। ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में सोमवार को सौ से ज्यादा बच्चे बुखार जुकाम और खांसी की शिकायत लेकर पहुंचे। डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में बदलाव के कारण बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे वे बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Winter Diseases: मौसम में आ रहा बदलाव बच्चों की सेहत को नासाज कर रहा है। सोमवार को ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में सौ बच्चे उपचार के लिए पहुंचे। चिकित्सकों के अनुसार बच्चे बुखार, जुकाम, खांसी की चपेट में आ रहे हैं। तीर्थनगरी में इन दिनों सुबह शाम ठंडी हवा चल रही है।
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खासतौर से बच्चे आ रहे बीमारी की चपेट में
बारिश नहीं होने के कारण सूखी ठंड पड़ रही है। जबकि दिन में धूप निकल रही है। जिससे दिन और रात के तापमान में काफी अंतर है। मौसम में यहीं बदलाव लोगों की सेहत पर प्रतिकूल असर डाल रहा है। खासतौर से बच्चे बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
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एक ही दिन करीब सौ बच्चे उपचार के लिए पहुंचे
सोमवार को एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में करीब सौ बच्चे उपचार के लिए पहुंचे। ओपीडी में सुबह नौ बजे से ही भीड़ लग गई थी। दोपहर एक बजे तक करीब सौ बच्चों को बाल रोग विशेषज्ञ देख चुके थे।
अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा रोहित उपाध्याय ने बताया कि सोमवार को बच्चों की ओपीडी सौ के पार रही। अधिकांश बच्चे बुखार, खांसी, जुकाम की चपेट में आ रहे हैं। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में सर्दियों के मौसम में बच्चों का खासतौर से ध्यान रखने की जरूरत है।
इस तरह करें ठंड से बचाव
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. उपाध्याय का कहना है कि दोपहर में जब धूप निकलती है तब भी बच्चों को पर्याप्त कपड़े पहनाकर रखें। एक दो मोटे कपड़ों के बजाय अलग-अलग परत वाले कपड़े पहनाएं। पीने के लिए गुनगुना पानी दें और सही मात्रा में पानी पिलाते रहे। मौसमी फलों का प्रयोग करें। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों को ठंड से बचाने का प्रयास करें।
ओपीडी में बढ़ी मरीजों की भीड़
अन्य दिनों के मुकाबले सोमवार को ओपीडी में भीड़ अधिक रहती है। ओपीडी का पर्चा बनाने के लिए दो काउंटर लगाए गए हैं। दोनों काउंटरों पर लंबी भीड़ रही। अस्पताल में औसतन ओपीडी चार सौ की रहती है। शनिवार को अस्पताल में ओपीडी नहीं चली थी। जबकि रविवार को अवकाश था। सोमवार को अस्पताल खुला तो मरीजों की भीड़ अधिक रही।
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