अब असंतोष का सबब बने मुद्दों से निपटने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जोर
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब असंतोष के मुद्दों से निपटेंगे। धामी ने नौकरशाही को साधने के बाद भू-कानून देव स्थानम बोर्ड को लेकर समाधान की दिशा की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री की इस कदम को अहम माना जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब प्रदेश में असंतोष का सबब बने मुद्दों से निपटेंगे। सबसे पहले नौकरशाही को साधने और केंद्र से मदद जुटाने को प्राथमिकता देने के बाद धामी ने भू-कानून, देव स्थानम बोर्ड को लेकर रोष और पलायन की समस्या के समाधान की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। चुनावी साल में मुख्यमंत्री की इस पहल को अहम माना जा रहा है।
तकरीबन सवा महीने के कार्यकाल में मुख्यमंत्री धामी ने विवाद का विषय बने कानूनों और मुद्दों के समाधान के संकेत तो दिए, लेकिन ठोस पहल के लिए कुछ इंतजार करना मुनासिब समझा। प्रदेश की भाजपा सरकार की कमान हाथ में आने के बाद धामी ने सबसे पहले नौकरशाही को साधना बेहतर समझा। नए मुख्य सचिव को लाने के साथ ही नौकरशाही के पत्ते फेंटने में उन्होंने देर नहीं लगाई। इसके बाद शासन से लेकर जिलों में जन समस्याओं के समाधान और इससे संबंधित फाइलों के मूवमेंट को तेज करने पर मुख्यमंत्री का फोकस रहा है।
केंद्र से मदद जुटाने पर जोर
इसके बाद मुख्यमंत्री ने दूसरी बड़ी प्राथमिकता केंद्र से विभिन्न योजनाओं के लिए मदद जुटाने को दी। इस सिलसिले में उन्होंने दिल्ली के तीन दौरे किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मंत्र लेने के साथ ही उन्होंने विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों से राज्य के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को लेकर कार्ययोजना पेश की। इसका सकारात्मक नतीजा भी दिखाई दिया है। केंद्रीय मंत्रालयों से राज्य को विभिन्न योजनाओं में मदद का भरोसा मिल चुका है। इसके बूते अनुपूरक बजट में मुख्यमंत्री धामी का एजेंडा दिखाई दे सकता है।
विवाद का विषय बने मुद्दों का निकलेगा हल
मुख्यमंत्री ने अब विवादित कानूनों और मुद्दों पर फोकस करने का इरादा जाहिर किया है। स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने कई मामलों पर अहम फैसले लिए। सबसे महत्वपूर्ण कदम भू-कानून में संशोधन के लिए उच्चस्तरीय समिति के गठन का है। भू-कानून में संशोधन के बाद अब विभिन्न प्रयोजनों के लिए उत्तराखंड में 30 एकड़ तक भूमि खरीदने की छूट मिल चुकी है। इसका बड़े स्तर पर विरोध शुरू हो चुका है। खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में भूमि की खरीद-फरोख्त को विपक्षी दल भी मुद्दा बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कह दिया कि पर्वतीय क्षेत्रों में भूमि की अनधिकृत खरीद रोकने के लिए सत्यापन कराया जाएगा।
पलायन रोकने को हिम प्रहरी योजना
देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे पंडा-पुरोहित समाज की दिक्कत दूर करने के लिए इस समाज से जुड़े भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर कांत ध्यानी को जिम्मा सौंपा गया है। मुख्यमंत्री की इस पहल को अहम माना जा रहा है। कांग्रेस इस असंतोष को भुनाने में पूरी तैयारी के साथ जुट चुकी है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने यह संकेत दे दिए हैं कि इस मामले में विपक्ष के मंसूबों को वह सफल नहीं होने देना चाहते। मुख्यमंत्री ने पलायन को रोकने के लिए भी हिम प्रहरी योजना की पहल की है। साथ में भाजपा के राष्ट्रीय एजेंडे में शामिल जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रभावी कानून बनाने के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की है। मुख्यमंत्री के इन फैसलों का आगामी दिनों में असर दिखाई पड़ेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।