ऑलवेदर रोड परियोजना अब भागीरथी ईको सेंसेटिव जोन की बंदिशों से मुक्त
ऑल वेदर रोड परियोजना को उत्तरकाशी जिले में भागीरथी ईको सेंसिटिव जोन की बंदिशों से मुक्ति मिल गई है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। चारधाम को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी ऑल वेदर रोड परियोजना को उत्तरकाशी जिले में भागीरथी ईको सेंसिटिव जोन की बंदिशों से मुक्ति मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट की हाईपावर कमेटी ने बहुमत से इस सड़क के निर्माण के पक्ष में फैसला दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, वन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर, सड़क परिवहन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मध्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। यह भी साफ किया गया कि ईको सेंसिटिव जोन के 100 किमी के दायरे में सड़क को अनुमति की जरूरत नहीं।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने इस सड़क के भूमि अधिग्रहण, फॉरेस्ट क्लीयरेंस के प्रकरणों को समयबद्धता से निबटाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को जोड़ने वाले एनएच 87 (कर्णप्रयाग-गैरसैंण-पांडवाखाल) को सैद्धांतिक सहमति देते हुए इसकी डीपीआर शीघ्र उपलब्ध कराने का कहा। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार ऑल वेदर रोड परियोजना सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसे तय समय पर पूरा करने को कार्य तेजी से किए जाएं।
इसके लिए केंद्र और राज्य के अधिकारी समन्वय से काम करें और निरंतर बैठकें कर आपत्तियों का निस्तारण करें। वन और पर्यावरण मंत्री जावडेकर ने कहा कि परियोजना से जुड़ी फॉरेस्ट क्लीयरेंस का निस्तारण तेजी से हो रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को जोड़ने वाले एनएच 87 और एनएच 309 को डबल लेन करने का आग्रह किया।
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बैठक में शामिल रहे राज्य के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भागीरथी इको सेंसिटिव जोन से 94 किमी सड़क ले जाने में अब कोई दिक्कत नहीं है। 40 मीटर से कम चौड़ाई की इस सड़क को अनुमति की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की हाईपावर कमेटी ने बहुमत के आधार पर इस सड़क को झंडी दी है। 21 सदस्य सड़क निर्माण के पक्ष में थे, जबकि चार विरोध में।