Chardham Yatra 2020: ऑनलाइन भी मंगा सकेंगे चारधाम का प्रसाद, देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड कर रहा ये व्यवस्था
Chardham Yatra 2020 उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अब चारधाम का प्रसाद ऑनलाइन भिजवाने की व्यवस्था पर काम कर रहा है।
देहरादून, केदार दत्त। अगर आप चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा के इच्छुक हैं, मगर कोरोना संकट के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा तो चिंता न करें, चारधाम का प्रसाद सीधे आपके घर पहुंच जाएगा। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड अब चारधाम का प्रसाद ऑनलाइन भिजवाने की व्यवस्था पर काम कर रहा है। प्रसाद तैयार करने के मद्देनजर बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के नजदीकी स्वयं सहायता समूहों को चिह्नित करने के निर्देश चमोली और रुद्रप्रयाग के डीएम को दिए गए हैं। यह प्रसाद उच्च गुणवत्ता का होने के साथ ही इसमें स्वच्छता के मानकों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। फिर बोर्ड इसे धामों में आने श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराने के साथ ही डिमांड पर ऑनलाइन भी भेजेगा।
चारधाम यात्रा अब बाहरी राज्यों के लिए खोल दी गई है, लेकिन इसके लिए प्रदेश की कोविड-19 की एसओपी (मानक प्रचालन कार्यविधि) के मानकों का पालन अनिवार्य किया गया है। हालांकि, कोरोना संकट को देखते हुए चारों धामों में बाहर से किसी भी प्रकार का प्रसाद लाने की मनाही है। इसे देखते हुए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की हालिया बैठक में इस बात पर जोर दिया गया था कि श्रद्धालुओं को प्रसाद उपलब्धता के साथ ही इसे ऑनलाइन भिजवाने की व्यवस्था भी की जाए।
बोर्ड के सदस्य और बदरीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट ने प्रस्ताव दिया है कि जो लोग इस वर्ष चारधाम आने में असमर्थ महसूस कर रहे, उन्हें ऑनलाइन प्रसाद भेजा जाए। इससे प्रसाद तैयार करने वाले स्वयं सहायता समूहों को भी लाभ मिलेगा। इस सबके मद्देनजर बोर्ड अब प्रसाद निर्माण और इसे ऑनलाइन भेजने की व्यवस्था पर तेजी से कार्य कर रहा है। बोर्ड के मुख्य कार्याधिकारी रविनाथ रमन के अनुसार पहले चरण में चमोली और रुद्रप्रयाग के डीएम से कहा गया है कि वे बदरीनाथ, केदारनाथ के नजदीकी स्वयं सहायता समूहों का चयन करें।
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इन समूहों के जरिये प्रसाद बनवाया जाएगा, जिसमें गुणवत्ता और स्वच्छता का ध्यान रखा जाएगा। फिर इसकी बेहतर ढंग से पैकेजिंग कर बोर्ड इसे धामों में आने वाले श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराने के साथ ही प्रसाद ऑनलाइन भी भेजा जाएगा। ऑनलाइन प्रसाद के लिए श्रद्धालुओं को बोर्ड की साइट पर आवेदन करना होगा। इसका मैकेनिज्म तैयार हो रहा है। उन्होंने बताया कि अगले चरण में गंगोत्री और यमुनोत्री में भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी।
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