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    Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र कल से, नौ देवियों की आठ दिन में होगी आराधना

    Updated: Sat, 29 Mar 2025 09:41 AM (IST)

    चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) कल से शुरू हो रहे हैं और आठ दिनों तक चलेंगे। इस बार तृतीया तिथि क्षय होने के कारण दूसरा और तीसरा नवरात्र एक ही दिन मनाया जाएगा। पांच अप्रैल को अष्टमी और छह को नवमी पूजन किया जाएगा। इस बार नवरात्रि का आरंभ और समापन दोनों रविवार को हो रहा है। जानिए इस बार नवरात्रि की तिथियां और पूजा विधि।

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    चैत्र नवरात्रि रविवार से शुरू हो रही है। जागरण

    जागरण संवाददाता, देहरादून। मां दुर्गा का विशेष आराधना के दिवस चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) कल रविवार से शुरू हो जाएंगे। कलश स्थापना का मुहूर्त सुबह छह बजकर 13 मिनट से 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इस बार आठ दिनों के नवरात्र होंगे।

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    तृतीया तिथि क्षय होने के कारण दूसरा और तीसरा नवरात्र 31 को ही माना जाएगा। पांच अप्रैल को अष्टमी और छह को नवमी पूजन किया जाएगा। शहर के मंदिरों को भी रंग विरंगी लाइटों व फूलों से सजाया जा रहा है, जहां पर नित्य भजन व कीर्तन चलेंगे।

    हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्र घटस्थापना के साथ शुरू हो जाते हैं। नवरात्र के दौरान व्रत धारण कर पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से वह अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं। जिससे सुख, समृद्धि, धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

    घरों में अखंड जोत जलाने के साथ नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। चैत्र मास के शुक्ल पत्र की प्रतिपदा तिथि आज शाम चार बजकर 27 मिनट से शुरू होकर रविवार दोपहर 12 बजकर 49 तक रहेगी। ऐसे में रविवार से नवरात्र शुरू होंगे।

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    तृतीया तिथि क्षय होने के कारण द्वितीया व तृतीया एक दिन

    आचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार, इस बार तृतीया तिथि की क्षय होने के कारण द्वितीया और तृतीया एक ही तारीख 31 मार्च को है। उस दिन दो देवी मां ब्रह्मचारिणी और मां चंद्रघंटा की पूजा होगी। इस बार नवरात्रि का आरंभ और समापन दोनों रविवार को हो रहा है, जिससे मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और इसी पर प्रस्थान करेंगी। हाथी पर माता का आगमन बेहद शुभ माना जाता है, जो अच्छे वर्षा चक्र, समृद्धि और खुशहाली का संकेत देता है।

    चैत्र नवरात्रि रविवार को शुरू होकर रविवार को ही समाप्त हो रहा है । जागरण


    इस तरह होगी मां दुर्गा की पूजा

    • 30 मार्च: प्रथम, शैलपुत्री
    • 31 मार्च: द्वितीया व तृतीया, ब्रह्मचारिणी व चंद्रघंटा
    • 01 अप्रैल: चतुर्थ, कूष्मांडा
    • 02 अप्रैल: पंचम, स्कंदमाता
    • 03 अप्रैल: षष्ठी, कात्यायनी
    • 04 अप्रैल: सप्तम, कालरात्रि
    • 05 अप्रैल: अष्टमी, महागौरी
    • 06 अप्रैल: नवमी, सिद्धिदात्री

    घटस्थापना पूजा विधि

    कलश स्थापना अथवा घट स्थापना सबसे पहले प्रतिपदा तिथि पर सुबह जल्दी स्नान करके पूजा का संकल्प लें। पूजा स्थल की सजावट करें व चौकी रखें। कलश में जल भरकर रखें। इसके बाद कलश को कलावा से लपेट दें।

    फिर कलश के ऊपर आम व अशोक के पत्ते रखें। इसके बाद नारियल को लाल कपड़े से लपटे कर कलश के ऊपर रख दें। इसके बाद धूप-दीप जलाकर मां दुर्गा की आराधना करें। शास्त्रों में मां दुर्गा के पूजा-उपासना की बताई गई विधि से पूजा प्रारंभ करें।

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    बाजारों में उमड़ रही खरीदारों की भीड़

    नवरात्र पर पूजा का सामान लेने के लिए बाजार में खरीदारों की भीड़ उमडऩी शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को सहारनपुर चौक, पटेलनगर, हनुमान चौक, करनपुर बाजार, प्रेमनगर समेत विभिन्न क्षेत्रों में लोगों ने मूर्ति, शृंगार किट, नारियल, धूप, दीये, कलश, जौ बोने के लिए पात्र आदि की खरीदारी की। इसके अलावा व्रत का सामान भी खरीदा।