Chaitra Navratri: कभी शेर-कभी हाथी... हर नवरात्र क्यों बदलती है मां दुर्गा की सवारी, रहस्य से पंडित जी ने उठाया पर्दा
मां दुर्गा की सवारी हर नवरात्र (Navratri 2025) में बदलती है। मां दुर्गा कभी शेर तो कभी हाथी पर सवार होकर आती हैं। इतना ही नहीं कभी मां दुर्गा नाव पर भी सवार होकर आती हैं। आइए आपको बताएंगे कि इस बार मां दुर्गा किस पर सवार होकर आएंगी। वहीं पंडित जी ने भी चैत्र नवरात्र को लेकर कई अहम बातें बताई हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) 30 मार्च से शुरू होने जा रहे हैं। आखिरी नवरात्र छह अप्रैल को होगा। इसी दिन राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा। नवरात्र पर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। खास बात यह है कि हर नवरात्र में मां दुर्गा का अलग रूप देखने को मिलता है। आइए आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे कि इस बार मां दुर्गा किस पर सवार होकर आएंगी।
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुल्क पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर होगी और अगले दिन यानी 30 मार्च को दोपहर में 12 बजकर 49 मिनट पर तिथि खत्म होगी।
छह अप्रैल को मनाया जाएगा राम नवमी का पर्व
बताया गया कि ऐसे में चैत्र नवरात्र की शुरुआत 30 मार्च से होगी। पहला नवरात्र 30 मार्च होगा और आखिरी नवरात्र छह अप्रैल को रहेगा। इस दिन सभी श्रद्धालु पूजा-अर्चना करके राम नवमी का पर्व मनाएंगे।
आचार्य क्रांति निर्मल शास्त्री के अनुसार, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह सात बजकर 52 मिनट से शुरू होगा और सुबह 12 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा। घट स्थापना की शुभ अवधि चार घंटे 38 मिनट की है। कलश स्थापना का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर प्रारंभ होगा और दोपहर 12 बजकर 55 मिनट समाप्त होगा। अभिजित मुहूर्त की कुल अवधि 48 मिनट रहेगी।
पंडित जी ने बताई अहम बातें
गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) के पंडित कृष्णानंद मिश्रा (Pandit Krishnanand Mishra) के अनुसार, हर नवरात्र में मां दुर्गा का रूप बदल जाता है। दरअसल, दिन के हिसाब से मां दुर्गा कभी शेर, हाथी तो कभी नाव पर सवार होकर आती हैं। पंडित जी ने बताया कि चैत्र नवरात्र में हर दिन मां दुर्गा को अलग-अलग भोग लगाया जाता है। आइए अब यह भी जान लेतें है कि इस चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा कौन से वाहन पर सवार होकर आएंगी।
ये होती हैं मां दुर्गा की सवारी
पंडित जी ने बताया कि कलश की स्थापना रविवार या सोमवार के दिन होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। वहीं, चैत्र नवरात्र का शुभारंभ अगर मंगलवार या शनिवार के दिन होता है तो मां दुर्गा घोड़ा पर सवार होकर आती हैं।
यह भी पढ़ें- यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2025: 5 या 6 अप्रैल, कब करें चैत्र नवरात्र में कन्या पूजन? यहां जानें पूरी डिटेल्स
इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा
इसके आगे पंडित जी बताते हैं कि अगर चैत्र नवरात्र का सुभारंभ बुधवार को होता है तो मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं। जैसे कि हमने आपको बताया कि नवरात्र में कलश की स्थापना रविवार या सोमवार को होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। ऐसे में इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। इसे बेहद शुभ माना जाता है और लोगों के घरों में सुख समृद्धि आएगी। साथ ही इस बीच मेहनत का अच्छा फल भी मिलता है।
यह भी पढ़ें- यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2025: इस दिन से शुरू होंगे चैत्र नवरात्र, कैसा है मां दुर्गा के 09 रूपों का स्वरूप?
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।