उत्तराखंड को संस्कृत मॉडल के रूप में करेंगे विकसित, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय ने की पहल
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेडी ने उत्तराखंड को संस्कृत मॉडल राज्य बनाने का आश्वासन दिया। दिल्ली में हुई बैठक में उत्तराखंड के संस्कृत शिक्षा सचिव दीपक कुमार गैरोला ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए कई प्रस्ताव रखे जिसमें विद्यालयों के लिए अनुदान शिक्षकों की व्यवस्था और अन्य योजनाएं शामिल हैं। उत्तराखंड सरकार संस्कृत को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेडी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और यहां संस्कृत के उत्थान के लिए विवि हरसंभव सहयोग देगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि उत्तराखंड को संस्कृत माडल राज्य के रूप में विकसित किया जाएगा।
दिल्ली के जनकपुरी स्थित विवि मुख्यालय में उत्तराखंड शासन के संस्कृत शिक्षा सचिव दीपक कुमार गैरोला के निर्देशन में उत्तराखंड संस्कृत विवि, संस्कृत अकादमी एवं संस्कृत बोर्ड के अधिकारियों की बैठक कुलपति प्रो.वरखेडी के साथ हुई।
संस्कृत शिक्षा सचिव ने कहा कि उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा संस्कृत है और इसे जन-जन तक पहुंचाना विभाग का लक्ष्य है। उन्होंने संस्कृत विद्यालयों व महाविद्यालयों के लिए पुस्तकें, शिक्षक, छात्रवृत्ति, छात्र आवासीय व्यवस्था, विश्व संस्कृत सम्मेलन, संस्कृत ग्रामों के विस्तार, वोकेशनल कार्यशालाएं, अष्टादशी योजना एवं शिक्षक कौशल विकास कार्यशालाओं के लिए अनुदान का प्रस्ताव रखा।
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बैठक में प्रो. मधुकर भट्ट, दिव्यांशी, कुलसचिव दिनेश कुमार, प्रो. प्रकाशचंद्र पंत, डा. सुमन प्रसाद भट्ट, डा. हरीशचंद्र गुरुरानी उपस्थित रहे।
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