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    Holika Dahan 2025 Muhurat: भद्रा के साए में होलिका दहन, जानें शुभ मुहूर्त और कब है होली

    Updated: Tue, 11 Mar 2025 06:20 PM (IST)

    Holika Dahan Kab Hai होलिका दहन 2023 की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार भद्रा के कारण होलिका दहन के लिए सिर्फ एक घंटा चार मिनट का समय रहेगा। वहीं रंगोत्सव शुक्रवार को मनाया जाएगा। जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और महत्व। साथ ही रंगोत्सव मनाने की परंपरा और होली से जुड़ी पौराणिक कथाओं के बारे में भी पढ़ें।

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    Holika Dahan Kab Hai: होलिका दहन पर लगेगा भद्रा। जागरण

    जागरण संवाददाता, देहरादून। Holika Dahan Kab Hai: धार्मिक व सामाजिक एकता का त्योहार होली (Holi 2025) के होलिका दहन गुरुवार को होगा। इसके लिए शहर चौराहे, गली मोहल्ले में लकड़ियों से होली सजाने की तैयारी हो रही है। भद्रा के चलते इस बार होलिका दहन के लिए एक घंटा चार मिनट का समय रहेगा। वहीं रंगोत्सव शुक्रवार को मनाया जाएगा।

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    प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुल्क पक्ष की पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार, होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है। इस बार फाल्गुन पूर्णिमा तिथि गुरुवार सुबह 10 बजकर 25 मिनट से शुक्रवार दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगी।

    ज्योतिषाचार्य डा. सुशांत राज के अनुसार, इस बार होलिका दहन के दिन भ्रदा मुख का साया आठ बजकर 14 मिनट से रात 10 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इसके बाद होलिका दहन किया जा सकता है। हालांकि मुहूर्त मूहुर्त रात 11 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। वहीं अगले दिन रंगोत्सव मनाया जाएगा।

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    यह है मान्यता

    उत्तराखंड विद्वत सभा के अध्यक्ष आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार, होलिका दहन शरद ऋतु की समाप्ति व वसंत के आगमन पर किया जाता है। इसके अलावा मान्यता है कि हिरण्यकश्यप ने बहन होलिका को आदेश दिया था कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई, लेकिन ईश्वर की भक्ति में लीन प्रह्लाद बच गए। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है।

    होली शुक्रवार को मनाई जाएगी। जागरण


    इस तरह करें पूजा

    स्नान के बाद होलिका की पूजा वाले स्थान पर उत्तर अथवा पूरब दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं। पूजा करने के लिए गाय के गोबर से होलिका व प्रह्लाद की प्रतिमा बनाएं। पूजा की सामग्री के लिए रोली, फूल, फूलों की माला, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल नारियल, पांच से सात तरह के अनाज व एक लोटे में पानी रख लें।

    इन सभी पूजन सामग्री के साथ पूरे विधि-विधान से पूजा करें। मिठाइयां व फल चढ़ाएं। होलिका के साथ ही भगवान नृसिंह की भी पूजा करें। होलिका के चारों ओर सात बार परिक्रमा करें।

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    दुकानों में उमड़ी भीड़, दुकानदारों के खिले चेहरे

    होली की तैयारी को लेकर बाजारों में खरीदारों की भीड़ रही। सुबह से ही हनुमान चौक, पलटन बाजार, करनपुर बाजार, चकराता रोड, धर्मपुर, पटेलनगर, प्रेमनगर आदि क्षेत्रों की दुकानों में होली के कपड़े, खाद्य सामग्री, मिष्ठान, रंग, पानी के गुब्बारे, पिचकारी आदि की खरीदारी हुई। इसके अलावा गुजिया, पापड़ चिप्स, जूस, रेडीमेड दहीवड़ा पाउडर, पनीर, दही की भी खूब खरीदारी हुई। सगे संबंधियों को देने के लिए गिफ्ट की दुकान पर भी भीड़ रही।