पुस्तक दिवस : दान की किताबों से जल रहा ज्ञान का दीप, पढ़िए पूरी खबर
सरकारी स्कूलों में अव्यवस्थाओं का रोना तो हर कोई रोता है लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो निस्वार्थ भाव से इन विद्या के मंदिरों को संवारने में जी जान से जुटे हैं। इन्हीं में से एक हैं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह।

जागरण संवाददाता, देहरादून। सरकारी स्कूलों में अव्यवस्थाओं का रोना तो हर कोई रोता है, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो निस्वार्थ भाव से इन विद्या के मंदिरों को संवारने में जी जान से जुटे हैं। इन्हीं में से एक हैं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह। उन्होंने अपने परिवार के साथ सरकारी स्कूलों को सुविधाएं मुहैया कराने की ठानी है। इसके लिए वे स्कूलों को पुस्तकें व फर्नीचर दान कर रहे हैं।
रणबीर सिंह ने बताया कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने साल 2017 से 2019 के बीच प्रदेश के कई निजी एवं सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति देख इसमें सुधार करने का संकल्प ले लिया। रणबीर सिंह देहरादून के चकराता के कोरुवा गांव के रहने वाले हैं। वह बताते हैं कि अपने गांव में स्कूल ना होने के कारण उन्हें अपनी स्कूली शिक्षा कुछ किलोमीटर दूर सहिया में जाकर लेनी पड़ी थी। आज उनके गांव में भले ही सरकारी इंटर कॉलेज खुल गया हो, लेकिन वहां की दयनीय स्थिति देख उन्होंने यहीं से अपने मिशन की शुरुआत करना तय किया। यहां उन्होंने स्कूल को छात्रों के पाठ्यक्रम की किताबों के अलावा गाइड एवं मैगजीन भेंट की। इसके बाद राजकीय इंटर कालेज सहिया और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका स्कूल को किताबें एवं फर्नीचर उपलब्ध करवाई। बताया कि टिहरी में भी एक इंटर कॉलेज में पुस्तकें भेजी जा चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि किताबें भेजने से पहले समिति के माध्यम से स्कूल का निरीक्षण भी करवाया जाता है। ताकि वहां के छात्रों की जरूरत के हिसाब से किताबें उपलब्ध करवाई जा सके। रणबीर सिंह का मानना है कि जब हर छात्र तक शिक्षा और बेहतर पुस्तकें पहुंचेंगी तभी जाकर वो प्रदेश और देश के उत्थान में अपना हाथ बंटा सकेंगे। उनका लक्ष्य प्रदेश के हर छात्र तक बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाना है। रणबीर सिंह अपने इस विशेष मिशन को अपने पिता की याद में स्थापित जयाराम सिंह मेमोरियल शिक्षण एवं नारी उत्थान समिति की मदद से अंजाम दे रहे हैं।
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