Move to Jagran APP

आंचल हत्याकांड: सीबीआइ जांच से बढ़ेगी पुलिस की मुश्किलें

आंचल हत्याकांड मामले में सीबीआइ की जांच पुलिस की मुश्किलेें बढ़ा सकती हैं। इसको लेकर पुुलिस में हलचल भी शुरू हो गर्इ है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 05:09 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 05:09 PM (IST)
आंचल हत्याकांड: सीबीआइ जांच से बढ़ेगी पुलिस की मुश्किलें
आंचल हत्याकांड: सीबीआइ जांच से बढ़ेगी पुलिस की मुश्किलें

देहरादून, [जेएनएन]: चर्चित आंचल पांधी मौत मामले में सीबीआइ की जांच पुलिस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। इसे लेकर पुलिस महकमे में कानाफूसी शुरू हो गई है। प्रकरण में आंचल के परिजनों ने जो आरोप लगाए हैं, उसी दिशा में यदि सीबीआइ को सबूत मिले तो यह सब पुलिस की साख पर सवाल खड़े कर सकते हैं। राजधानी में 14 फरवरी 2017 को राजपुर हाईट्स अपार्टमेंट के एक फ्लैट में आंचल पांधी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। इस मामले में पति राहुल पांधी ने जहां आंचल के द्वारा आत्महत्या की बात कही, वहीं पिता अनिल कोहली ने बेटी की हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। मगर, पुलिस हत्या को लेकर ठोस सबूत नहीं जुटा पाई। इस मामले में आंचल के पिता अनिल कोहली ने हाईकोर्ट से इंसाफ की मांग की। हाईकोर्ट ने प्रकरण की जांच सीबीआइ से कराने के आदेश दिए हैं।

loksabha election banner

सीबीआइ फिलहाल आदेश का इंतजार कर रही है। मगर, इससे पहले ही पुलिस महकमे में सवाल उठने लगे कि यदि आंचल के पिता द्वारा लगाए गए आरोपों पर सीबीआइ ने सबूत जुटाए तो पुलिस की मुश्किलें बढ़ सकती है। खासकर इस मामले में कई सवाल आज भी अनुत्तरित हैं। जिसके जवाब पुलिस नहीं तलाश पाई थी। आरोप थे कि मौके पर पड़े खून का सैंपल तक नहीं लिया था।

यह भी पढ़ें: आंचल हत्याकांड: हार्इ कोर्ट ने दिए सीबीआर्इ जांच के आदेश

यह भी पढ़ें: पांच दिन बाद मिला लापता युवक का शव, हत्या की आशंका

यह भी पढ़ें: दहेज हत्या के मामले में पति को दस साल की सजा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.