हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी तो याद आया अतिक्रमण, पांच सितंबर से चलेगा अभियान Dehradun News
हाईकोर्ट ने दोबारा अतिक्रमण पर रिपोर्ट मांगी तो अफसरों को फिर अतिक्रमण हटाने की याद आ गई।दून में अब अभियान पांच सितंबर से चलाने की तैयारी है।
देहरादून, जेएनएन। हाईकोर्ट के कड़े आदेश के बावजूद राजधानी की सड़कों से अतिक्रमण एक साल बाद भी पूरी तरह नहीं हटाया जा सका है। हाईकोर्ट ने दोबारा प्रकरण पर रिपोर्ट मांगी तो अफसरों को फिर अतिक्रमण हटाने की याद आ गई। मगर, अभियान से जुड़े अधिकारियों के ट्रांसफर होने से दोबारा अभियान शुरू करने की तैयारी को झटका लग गया। अब अभियान पांच सितंबर से चलाने की तैयारी है। इसके लिए जिला स्तर पर रणनीति बनाने की बात कही जा रही है।
राजधानी में हाईकोर्ट के आदेश पर एक साल बाद फिर अतिक्रमण पर डोजर चलेगा। इसे लेकर अपर मुख्य सचिव एवं अभियान के नोडल अधिकारी ओम प्रकाश ने अधिकारियों की बैठक ली। आइआरडीटी सभागार में हुई बैठक में अभियान की समीक्षा की गई। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने कहा कि शहर में अनधिकृत निर्माणों, अतिक्रमण हटाने में किसी तरह दबाव में न आएं।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिन स्थानों पर पूर्व में अतिक्रमण हटाया जा चुका है, वहां यदि दोबारा अतिक्रमण हुआ तो ऐसे लोगों के खिलाफ सीधे मुकदमे की कार्रवाई की जाए। इसी तरह पूर्व में चिह्नित और नए अतिक्रमण पर सीधे डोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करें।
उन्होंने जिलाधिकारी सी रविशंकर और एसएसपी अरुण मोहन जोशी को अभियान को गंभीरता से संचालित करने के निर्देश दिए। ताकि हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन हो सके। इस संबंध में अपडेट रिपोर्ट भी हर दिन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।
हालांकि, अपर मुख्य सचिव की बैठक में यह बात भी सामने आई कि अभियान से जुड़े अधिकांश अधिकारी बदल गए हैं। ऐसे में जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बुधवार को बैठक की मोहलत मांगी। कहा कि पुराने अधिकारियों से अपडेट रिपोर्ट लेने के बाद अभियान चलेगा।
बैठक में एमडीडीए के उपाध्यक्ष और टास्क फोर्स के अध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव को भी नियम विरुद्ध बने भवनों को सील करने, व्यवसायिक भवनों में पार्किंग के नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए गए। बैठक में सचिव जीसी गुणवंत, एडीएम रामजीशरण शर्मा, अनु सचिव दिनेश पुनेठा समेत अन्य मौजूद रहे।
अभियान पर एक नजर
जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने 18 जून 2018 को दून में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। इस आदेश पर प्रशासन ने 25 जून से चार जोन बनाते हुए करीब तीन माह तक शहर में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की थी। मगर, आधा-अधूरा अतिक्रमण हटाने के बाद कार्रवाई धीमी पड़ गई। इस दौरान आठ हजार अतिक्रमण हटाए गए थे। जबकि नौ हजार से ज्यादा चिह्नित किए गए थे।
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भू-राजस्व वसूलने के निर्देश
अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने लोनिवि के मुख्य अभियंता राजेंद्र गोयल को भी कड़े निर्देश दिए। कहा कि पूर्व में हटाए गए अतिक्रमण की जगह दोबारा अतिक्रमण हटाया जाता तो इस पर आने वाला खर्चा भी मौके पर वसूला जाए। वसूली को नियमानुसार भू-राजस्व के रूप में सुनिश्चित करने को कहा गया।
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सरकारी भूमि पर बनाएं वेंडर जोन
मुख्य नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय को निर्देश दिए गए कि शहर में सरकारी जमीनों को चिह्नित किया जाए। यहां नगर निगम प्राथमिकता के आधार पर वेंडिग जोन बनाएं। ताकि शहर में जगह-जगह लगाई जाने वाली ठेली, रेड्डी आदि को यहां शिफ्ट किया जा सके।
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