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अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी, भाजपा विधायकों के विरुद्ध हाईकोर्ट को शिकायत

दून में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी है। वहीं, शहर में अभियान में रोड़ा बने चार भाजपा विधायकों के विरुद्ध अधिवक्ता अरुण खन्ना हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 19 Jul 2018 08:24 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 05:19 PM (IST)
अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी, भाजपा विधायकों के विरुद्ध हाईकोर्ट को शिकायत
अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी, भाजपा विधायकों के विरुद्ध हाईकोर्ट को शिकायत

देहरादून, [जेएनएन]: दून में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी है। वहीं, शहर में अतिक्रमण के विरुद्ध चल रहे अभियान में रोड़ा बने चार भाजपा विधायकों के विरुद्ध अधिवक्ता अरुण खन्ना हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। 

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सोमवार और मंगलवार को भाजपा विधायकों का इस अभियान के विरुद्ध सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना और अखबार में प्रकाशित इनके विरोध की खबरों व फोटो को आधार बनाकर मुख्य न्यायाधीश व रजिस्ट्रार जनरल को लिखित शिकायत भेजी गई है। इसके साथ ही इस मामले में एक शिकायत पुलिस को भी दी गई है।

पिछले हफ्ते तक सिर्फ कांग्रेसी नेता ही अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई के विरोध में दिख रहे थे, मगर वोटबैंक की खातिर अब भाजपा विधायक खुलकर इसकी खिलाफत में उतर आए हैं। 

सोमवार को प्रेमनगर को लेकर जो सियासी रोटियां सेंकी गईं, किसी से छुपी नहीं है। क्षेत्रीय भाजपा विधायक हरबंस कपूर से लेकर मसूरी के विधायक गणेश जोशी, राजपुर विधायक खजानदास और रायपुर विधायक उमेश शर्मा 'काऊ' बाजार में अतिक्रमण अभियान के विरोधी व्यापारियों संग धरना देकर बैठ गए। 

चूंकि, सत्ताधारी दल के चार विधायक धरना देकर बैठे थे, लिहाजा प्रशासन बैकफुट पर आ गया और प्रेमनगर में अभियान को टालना पड़ा। तीन दिन हो गए, लेकिन प्रशासन की टीमों ने प्रेमनगर का रुख नहीं किया। 

इसी तरह विधायक खजानदास बुधवार को भी दर्शनीगेट पर अतिक्रमण सीमांकन के आड़े आ गए। काबीना मंत्री मदन कौशिक द्वारा चारों विधायकों को बुलाकर समझाने का प्रयास भी किया गया लेकिन वे नहीं मानें। 

चूंकि, कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश पर चल रही है, इसलिए अधिवक्ता खन्ना की ओर से इसकी शिकायत हाईकोर्ट में भेजी गई है। खन्ना ने इसे हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना बताते हुए चारों विधायकों के विरुद्ध कार्रवाई की अपील की है।  

अभियान से जनता खुश, जनप्रतिनिधि चिंतित

दून में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान से जहां जनता खुश नजर आ रही है, वहीं जनप्रतिनिधि टेंशन में आ गए हैं। भाजपा के कई विधायक तो अभियान पर विराम लगाने के लिए सरकार पर निरंतर दबाव भी बना रहे हैं। 

हालांकि दून के विभिन्न वर्ग के लोगों ने सर्वे चौक स्थित अभियान चला रहे टास्क फोर्स के कार्यालय में जाकर अधिकारियों की तारीफ भी की। साथ ही हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए इसमें निरंतरता लाने की मांग की।

इस मुलाकात में दून रेजीडेंट्स वेलफेयर फ्रंट के अध्यक्ष महेश भंडारी ने कहा कि इस अभियान से दून नगर निगम व इससे सटे करीब नौ लाख लोगों को राहत मिलेगी, जबकि अतिक्रमण अभियान की जद में आने वाले लोगों की संख्या इसका एक फीसद भी नहीं है। 

ऐसे में जनप्रतिनधियों को भी इस बात को समझते हुए शहर के समग्र विकास के साथ खड़ा होना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने में पक्षपात नहीं किया जाना चाहिए और सभी के लिए एक नीति अपनाए जाने की जरूरत है। 

वहीं, फ्रंट की महासचिव सुजात पॉल मालिया ने ईसी रोड का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां पर लाल निशान लगाए जाने के बाद लोगों ने स्वयं अपने निर्माण ध्वस्त कर दिए, जबकि बाद में दोबारा किए गए सर्वे में अतिक्रमण को शून्य बताया गया। उन्होंने सुझाव दिया कि अतिक्रमण के चिह्नीकरण में बेहद सावधानी बरते जाने की जरूरत है। 

अभियान के समर्थन में टास्क फोर्स कार्यालय में अधिकारियों से मुलाकात करने वालों में सुशील त्यागी, मनमोहन लखेड़ा, राकेश जदली, संजय शर्मा, रेणू पॉल आदि शामिल रहे।     

भाजपाइयों का विरोध, हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई

राजधानी में भाजपाई जहां सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे हैं, वहीं हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई बदस्तूर जारी है। स्थानीय लोग भी कानून का साथ देकर नजीर पेश कर रहे हैं। लेकिन, विधायकों का विरोध सिर्फ वोटों की गणित के लिए अवैध बस्तियों को बचाने को लेकर है। 

राजधानी में हाईकोर्ट के आदेश पर सार्वजनिक सड़क, फुटपाथ, नाली और सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के खिलाफ चल रही कार्रवाई का भाजपा विधायक विरोध कर रहे हैं। विधायकों ने इसे लेकर प्रेमनगर में धरना और विरोध प्रदर्शन करने के अलावा डीएम, शहरी विकास मंत्री और मुख्यमंत्री तक से मुलाकात की। 

विधायकों के विरोध के बाद प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में समय बढ़ाने की अर्जी दी थी। सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी की जा रही है। लेकिन, इस बीच शहर में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी है। यहां तक कि लोग सीमांकन होते ही स्वयं अतिक्रमण हटा रहे हैं। 

इंद्रानगर में बाजार बंद, प्रदर्शन

इंद्रानगर व्यापारिक संगठन ने अतिक्रमण के खिलाफ आवास विकास परिषद की कार्रवाई का विरोध करते हुए रैली निकालकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय विधायक हरबंस कपूर का घेराव करते हुए मामले में न्याय दिलाने की मांग की। इस मामले में विधायक ने डीएम और टास्क फोर्स के अध्यक्ष से मुलाकात कर लोगों की बात रखी।

नेहरू कॉलोनी के बाद इंद्रानगर-सीमाद्वार में आवास विकास परिषद, उत्तर प्रदेश की कॉलोनी है। यहां परिषद के नियमों के विपरीत आवासीय कॉलोनी में शोरूम और दूसरी व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं। हाईकोर्ट ने इन कॉलोनी के चिह्नीकरण के आदेश दिए हैं। 

इसके लिए आवास विकास की टीम इन दिनों सीमांकन कर नियम विरुद्ध चल रहे व्यवसाय पर नोटिस और अतिक्रमण पर लाल निशान लगा रही है। दो दिन से इंद्रानगर कॉलोनी में भी कार्रवाई चल रही है। 

व्यापारियों ने बाजार बंद कर बाइक रैली निकाली। इस दौरान व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पांच सूत्री ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा। लोगों ने लखनऊ की तर्ज पर उन्हें छूट देने की मांग की। मामले में व्यापारियों ने कैंट विधायक का घेराव कर विरोध दर्ज कराया। इस मौके पर अध्यक्ष गोविंद बल्लभ बिष्ट, सचिव आशीष अग्रवाल, प्रदीप रावत, समीर, अनिल सुंद्रियाल, शिवकुमार, संजय, नवीन बिष्ट समेत अन्य ने कार्रवाई का विरोध किया।

दर्शनीगेट पर सीमांकन का विरोध 

पलटन बाजार और दर्शनीगेट पर लोगों ने सीमांकन का विरोध किया। लोगों ने कहा कि 2005 में जहां लाल निशान लगाए गए थे, उसे छोड़कर टीम अंदर निशान लगा रही है। उन्होंने नक्शा और नाप-जोख का विरोध करते हुए सही सीमांकन की मांग की। व्यापारियों के विरोध के चलते टीम ने पहले तो कार्रवाई कुछ देर रोक दी। 

मगर, बाद में पुलिस फोर्स आने पर दोबारा से सीमांकन कराया गया। इस दौरान राजपुर रोड विधायक खजानदास ने व्यापारियों के बीच पहुंचकर गलत सीमांकन का विरोध किया। विधायक ने कहा कि व्यापारियों का उत्पीड़न किया जाए। 

पीड़ितों की भी बात सुनी जाए

कैंट विधायक हरबंस  कपूर ने कहा कि अतिक्रमण की कार्रवाई एकतरफा हो रही है। व्यापारियों और पीडि़तों की बात सुनी जानी चाहिए। डीएम और एमडीडीए के वीसी को अवगत करा दिया है। प्रेमनगर और इंद्रानगर पर सरकार को भी ध्यान देना होगा। 

हाईकोर्ट से समय के लिए अनुरोध करेगी सरकार 

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट से समय न मिलने पर राज्य सरकार अब हाईकोर्ट से अनुरोध करेगी। बारिश और दूसरे कारणों के चलते अभियान के लिए समय दिया जाना चाहिए। विधायकों ने जो प्रस्ताव दिए हैं, उन पर विचार किया जा रहा है।

सहस्रधारा और ईसी रोड के 280 अतिक्रमण गिराए

हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाओ टास्क फोर्स ने अधिकारी और मशीनरी बढ़ने के बाद सहस्रधारा और ईसी रोड पर रिकार्ड 280 अतिक्रमण ध्वस्त किए। इस दौरान चार जोन में सात टीमों ने सीमांकन करते हुए 185 नए अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए। अभियान के तहत आवासीय भवनों में व्यवसायिक गतिविधि पाए जाने पर 31 भवन मालिकों को ध्वस्तीकरण के नोटिस जारी किए गए। 

अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत सहस्रधारा रोड पर मयूर विहार से आइटी पार्क गेट तक चार जेसीबी मशीनों और दोगुनी हुई टास्क फोर्स की टीम ने तेजी से अतिक्रमण हटाए। यहां स्कूलों, अपार्टमेंट, प्रॉपर्टी और घरों के अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया। 

इस दौरान साडा के सचिव सुन्दर लाल सेमवाल, एसडीएम सदर प्रत्यूष सिंह और एसडीएम कालसी बृजेश तिवारी ने एक-एक अतिक्रमण को ध्वस्त करने के निर्देश दिए। इधर, ईसी रोड पर द्वारिका स्टोर से धर्मपुर ङ्क्षरग रोड तक अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। यहां ईसी रोड पर स्कूल, होटल, अपार्टमेंट की बाउंड्री से लेकर धर्मपुर सब्जी मंडी और मंदिर के पीछे 15 से ज्यादा दुकानें ध्वस्त की गईं। 

यहां सड़क तक लगने वाली सब्जी मंडी को भी टास्क फोर्स ने हटाते हुए पूरी तरह फुटपाथ को खाली करा दिया। यहां एसडीएम मसूरी मीनाक्षी पटवाल के नेतृत्व में अतिक्रमण पर तबाड़तोड़ कार्रवाई की गई। 

इधर, नेशविला रोड, रायपुर रोड और चकराता रोड पर पूर्व में चिह्नित अतिक्रमण को लोगों ने स्वयं हटाया। इधर, टास्क फोर्स ने अब तक 4674 अतिक्रमण पर लाल निशान और 2196 पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर दी है। जबकि 88 भवनों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की जा चुकी है। 

सिटी हार्ट समेत 31 को ध्वस्तीकरण का नोटिस 

ईसी रोड और सहस्रधारा रोड पर आवासीय भवनों में व्यवसायिक गतिविधि संचालन करने, पार्किंग की व्यवस्था न होने और नक्शा न दिखाने पर 31 भवन स्वामियों को ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया गया है। 

एमडीडीए ने इन भवन स्वामियों को 20 जुलाई तक का समय दिया है। नक्शा व्यवसायिक होने के प्रमाण न देने पर इन पर सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी। इनमें सबसे ज्यादा नोटिस क्रॉस मॉल से धर्मपुर चौक के बीच तक के प्रतिष्ठानों को दिए गए हैं। 

इनको दिए गए ध्वस्तीकरण के नोटिस 

- कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना, ईसी रोड

- सिटी हार्ट अस्पताल के सीआर साहनी 

- एसपी सिंह, प्रयास हेल्प सेंटर

- ईडा होटल के ऋतिक अरोड़ा, ईसी रोड 

- हार्ट लैब, सुदेश गुप्ता, ईसी रोड

- नड्डा होटल, ईसी रोड 

पुलिस फोर्स मिलने में होगी दिक्कत 

अतिक्रमण के खिलाफ अभियान में लगे करीब 500 पुलिस कर्मियों की संख्या कभी भी एकदम से घट सकती है। पुलिस मुख्यालय ने 28 जुलाई से शुरू हो रही 20 से 30 दिन की कांवड़ यात्रा का हवाला देते हुए फोर्स देने में असमर्थता जताई है। ऐसे में हाई कोर्ट के आदेश पर चलाए जा रहे अभियान में कानून व्यवस्था बनाए रखने में बाधा पहुंच सकती है।

कांवड़ यात्रा के दौरान भी अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की मांग को लेकर बुधवार को एमडीडीए सचिव पीसी दुम्का ने अपर पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए सरकार ने अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती की है। ऐसे में कांवड़ यात्रा के दौरान भी पर्याप्त पुलिस बल की जरूरत पड़ेगी। 

हालांकि अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि कांवड़ यात्रा से पहले ही करीब सात हजार पुलिस कर्मियों की जरूरत पड़ेगी। कांवड़ यात्रा प्रमुख रूप से हरिद्वार समेत देहरादून, पौड़ी और टिहरी जिलों से होकर गुजरेगी। 

लिहाजा यात्रा के दौरान व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाने के लिए किसी तरह की कोताही बरतना संभव नहीं है। उन्होंने दो टूक कहा कि भारी संख्या में फोर्स जुटाने के लिए अतिक्रमण अभियान के लिए समुचित फोर्स उपलब्ध करा पाना संभव नहीं हो पाएगा।

अपर पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) अशोक कुमार के मुताबिक यह सच है कि कांवड़ यात्रा के दौरान अतिक्रमण हटाओ अभियान की टीम को फोर्स मुहैया कराने में असमर्थता जताई गई है। फिर भी प्रयास किए जाएंगे कि कुछ बीच का रास्ता निकाला जा सके।

उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाएंगे मामला 

सचिव (एमडीडीए) पीसी दुम्का के अनुसार यदि अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए लगाई गई फोर्स में कटौती की जाती है तो उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला लाया जाएगा ताकि अभियान के दौरान कानून व्यवस्था बिगडऩे की नौबत न आए।

प्रेमनगर के अतिक्रमण पर दबाव में सरकार

प्रेमनगर बाजार और आसपास के अतिक्रमण हटाने में टास्क फोर्स से लेकर शासन-प्रशासन दबाव में दिख रहा है। विरोध-प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने यहां व्यापारियों और घरों का सत्यापन का कार्य शुरू कर दिया है। पुख्ता दस्तावेज जुटाने के बाद ही यहां किसी कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। 

प्रेमनगर बाजार में बड़ी संख्या में विभाजन के दौरान भारत आए लोग निवास करते हैं। ऐसे में लोगों से सही सीमांकन और सत्यापन की मांग की गई। इसके लिए प्रशासन की टीम ने प्रत्येक दुकान और घर का सत्यापन किया। यहां 158 दुकानें जो अतिक्रमण की जद में आई हैं और 50 घरों का सत्यापन किया गया। 

डीएम एसए मुरूगेशन ने बताया कि प्रेमनगर में लोगों ने सत्यापन और सीमांकन की मांग की है। तीसरी बार सीमांकन का कार्य किया जा चुका है। बाजार में अधिकांश दुकानदारों ने दुकानें खाली कर दी हैं। कई लोगों ने घर भी शिफ्ट कर दिए हैं। ऐसे में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी। 

कुछ मसलों पर विधायकों ने सरकार से बात की है। उन पर सरकार के स्तर पर विचार किया जाना है। फिलहाल, प्रशासन को पुनर्वास या दूसरी योजना पर काम करने के कोई निर्देश नहीं मिले हैं। 

डांडा लखौंड में आधा बाजार होगा ध्वस्त 

सहस्रधारा रोड पर आइटी पार्क तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पूरी होने के बाद टास्क फोर्स ने डांडा लखौंड में सीमांकन की कार्रवाई शुरू कर दी है। यहां पंचायत भवन समेत बाजार के दोनों तरफ लगी दुकानें अतिक्रमण की जद में आ रही हैं। 

इससे डांडा लखौंड के आधे बाजार पर कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है। हालांकि यहां पहले भी प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी, जो स्थानीय नेताओं के विरोध पर आगे नहीं बढ़ी थी। 

हटेगा कॉलोनियों का अतिक्रमण 

अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि शासन से मिले पांच सीनियर अधिकारी फिलहाल चार जोन के अतिक्रमण अभियान में शामिल होंगे। पुलिस फोर्स मिलने के बाद नई टीमें गठित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि गेटेड कॉलोनी से अतिक्रमण को हटाया जाएगा। यदि कॉलोनीवासी अपनी बात रखना चाहते हैं, तो वह हाईकोर्ट जा सकते हैं। 

खासकर नेहरू कॉलोनी, इंदिरा नगर व दून विहार में उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की जमीन पर जो आवास निर्मित हैं, यदि वह अतिक्रमण के दायरे में आएंगे तो कार्रवाई होगी। इसके लिए आयुक्त उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद, लखनऊ को भी पत्र भेजा जा चुका है। इसी आधार पर सहारनपुर से आए अवर अभियंता रमेश चंद्र ने स्थलीय निरीक्षण करना शुरू कर दिया है। 

एमडीडीए उपाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की कॉलोनियों से भी अतिक्रमण हटाया जाएगा। इसके लिए सीमांकन की कार्रवाई शुरू हो गई है। अतिक्रमण हटाने के लिए टास्क फोर्स परिषद को पूरी सुविधा मुहैया कराएगी। 

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