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    दून में ध्वस्त किए गए 221 अतिक्रमण, यहां प्रशासन के ठिठके कदम

    By BhanuEdited By:
    Updated: Thu, 12 Jul 2018 04:57 PM (IST)

    अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत शहर के चार जोन में 221 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। पलटन बाजार और प्रेमनगर में प्रशासन की टीम हिम्मत नहीं जटा पा रही है।

    दून में ध्वस्त किए गए 221 अतिक्रमण, यहां प्रशासन के ठिठके कदम

    देहरादून, [जेएनएन]: हाईकोर्ट के आदेश पर चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत शहर के चार जोन में 221 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। जिसमें 74 अतिक्रमण चकराता रोड और 147 अतिक्रमण रायपुर रोड पर ध्वस्त किए गए। 

    वहीं चकराता रोड पर आइएमए से लेकर प्रेमनगर तक और रायपुर रोड पर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से ब्राह्मण चौक समेत शहर से अन्य क्षेत्रों से 291 नए अतिक्रमण चिह्नित किए गए। बुधवार को बल्लूपुर से प्रेमनगर और सिल्वर सिटी राजपुर रोड से आगे की ओर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा। 

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    प्रशासन की अतिक्रमण हटाओ टीम सहस्रधारा क्रासिंग पहुंची। टीम ने बीते सोमवार को सहस्रधारा क्रासिंग के पास कब्रिस्तान की चहारदीवारी को अतिक्रमण में चिह्नित किया था। साथ ही अतिक्रमण स्वयं हटाने के निर्देश दिए थे। लेकिन सुबह तक वहां से अतिक्रमण नहीं हटा था। जैसे ही टीम ने अतिक्रमण हटाना शुरू किया तो स्थानीय लोगों ने कहा कि वह स्वयं अतिक्रमण हटा लेंगे। 

    उसके बाद लोग स्वयं ही चहारदीवारी तोड़ने लगे। उसके बाद टीम ने रायपुर रोड पर सड़क के दोनों ओर के अतिक्रमण को हटाया। लाडपुर बाजार में कुछ दुकानदारों ने स्वयं ही अतिक्रमण ध्वस्त किया। कुछ दुकानदारों ने अतिक्रमण में चिह्नित जमीन को निजी बताते हुए प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया। लेकिन अब एसडीएम प्रत्यूष सिंह ने नक्शा देखा तो यह कुछ जमीन ग्राम समाज की और कुछ लोनिवि की निकली। उसके बाद टीम ने अतिक्रमण ध्वस्त किया। 

    रायपुर के पास ब्राह्मण चौक पर असमंजस की स्थिति बनी। स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण हटाओ के तहत चिह्नीकरण का विरोध किया। उन्होंने कहा कि राजस्व के 1938 के नक्शे के हिसाब से दोबारा चिह्नीकरण किया जाए।

    आइआरडीई की चहारदीवारी भी अतिक्रमण की जद में

    रायपुर रोड स्थित आइआरडीई की दीवार भी तीन से पांच मीटर तक अतिक्रमण की जद में है। आइआरडीई के अधिकारियों को एसडीएम ने जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। 

    छावनी परिषद ने टोल चौकी पर चलवाई जेसीबी

    अतिक्रमण की जद में आई आइएमए के समीप बनी छावनी परिषद की टोल चौकी को छावनी परिषद प्रशासन ने खुद ही तुड़वा दिया। प्रशासन की टीम द्वारा लाल निशान लगाने के अगले ही दिन सुबह छावनी परिषद ने टोल चौकी तोड़ डाली। वहीं, किशननगर चौक से बल्लूपुर चौक के बीच मंगलवार को भी चिह्नित अतिक्रमण तोड़ा गया।  

    प्रशासन की टीम किशननगर चौक से बल्लूपुर चौक तक जेसीबी के साथ उतरी और चिह्नित अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरू की। इस मार्ग पर बड़े-बड़े कॉम्पलेक्सों के बाहर बने पक्के रैंप ही अतिक्रमण की जद में थे, जिन्हें तोड़ दिया गया। अतिक्रमण की जद में आए एक नवनिर्मित कॉम्पलेक्स की दीवार को गिराया गया। विजय पार्क के समीप अतिक्रमण तोड़ने पर स्थानीय लोगों ने हल्का विरोध किया, लेकिन जेसीबी बिना रुके अतिक्रमण को तोड़ती रही।

    उधर, सुबह ही छावनी परिषद प्रशासन ने अतिक्रमण की जद में आई टोल टैक्स चौकी पर खुद ही जेसीबी चलवा दी। छावनी परिषद की ओर से चौकी को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की बात कही गई। वहीं, प्रेमनगर क्षेत्र में प्रशासन की दो टीमें अतिक्रमण को चिह्नित करने में लगी रहीं। एक टीम ने केहरी गांव की ओर सड़क के दोनों ओर हुए अतिक्रमण को चिह्नित किया। 

    दूसरी टीम केवि आइएमए से प्रेमनगर बाजार की ओर चिह्नीकरण को बढ़ती रही। हालांकि, दोनों ही टीमें दूसरे दिन भी प्रेमनगर बाजार तक नहीं पहुंच पाई।

    प्रेमनगर-पलटन बाजार में ठिठके प्रशासन के कदम

    शहर में हाईकोर्ट के आदेश पर चल रही अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई में प्रशासन की धार कुंद पड़ती नजर आ रही है। खासकर पिछले दो दिनों से जिस तरह पलटन बाजार, प्रेमनगर व रायपुर में हीलाहवाली चल रही, वह तो साफ इशारा कर रही कि प्रशासन दबाव में है। 

    प्रेमनगर में चिह्निकरण का कार्य करने भेजी गईं दो टीमें तो इतने खौफ में दिखाई दे रहीं कि दो दिन से बाजार का रुख तक नहीं किया। वहीं, पलटन बाजार में सड़क के नक्शे को लेकर ही अधिकारी कुछ भी स्पष्ट नजर नहीं आ रहे। 

    पलटन बाजार को लेकर पहले ही कहा जा रहा था कि व्यापारियों का दबाव भारी पड़ सकता है, इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस तैयारी नहीं की गई। दो दिन से व्यापारी बाजार में सीमांकन का भी विरोध कर रहे मगर फोर्स नहीं बुलाई गई। यही स्थिति पिछले दिनों आढ़त बाजार को लेकर भी थी। 

    यहां भी प्रशासन की टीमों ने आधा-अधूरा ध्वस्तीकरण कर कार्रवाई से पल्ला झाड़ लिया। क्योंकि, यहां बड़ी संख्या में व्यापारी सत्ताधारी भाजपा से जुड़े हुए हैं, ऐसे में अधिकारी कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं। पलटन बाजार का भी हाल ऐसा ही है। सत्ता का रौब दिखा व्यापारियों ने टीमों के हाथ बांधे हुए हैं। 

    प्रेमनगर में भी यही स्थिति सामने आ रही। व्यापारियों को हाईकोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं है। अतिक्रमण की कार्रवाई के विरोध में पलटन बाजार, रायपुर, प्रेमनगर में पूरे दिन व्यापारियों की बैठकें चलती रहीं। हालांकि, प्रेमनगर में व्यापारियों के एक दल ने शाम को ऐलान किया वे प्रशासन की कार्रवाई का विरोध नहीं करेंगे। बशर्ते, उजाड़े जाने वाले लोगों को दूसरी जगह भवन उपलब्ध कराया जाए। 

    प्रेमनगर बाजार में इसी कारण सीमांकन की कार्रवाई नहीं हो सकी। वहीं, पलटन बाजार में भी टीमें पचास मीटर से ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाई। रायपुर में तो स्थिति उस समय और खराब हो गई जब लोगों ने सार्वजनिक रोड को निजी बताकर कार्रवाई रुकवा दी। प्रशासन भी हैरानी में पड़ गया, क्योंकि लोगों का कहना है कि सार्वजनिक रोड दूसरी तरफ से जा रही। यह रोड तीन से चार फीट की है। 

    अब प्रशासन ने पुराने दस्तावेज मंगाए हैं ताकि रोड का सीमांकन किया जा सके। तब तक वहां भी कार्रवाई खटाई में पड़ती नजर आ रही। टीमों की यह हीलाहवाली शासन तक पहुंच गई। अपर मुख्य सचिव ने इस मामले में कड़ा एतराज जताते हुए कार्रवाई में सीधे एसएसपी व एडीएम की जिम्मेदारी तय कर दी है। उन्होंने निर्देश दिए कि अब पलटन बाजार व प्रेमनगर में एसएसपी और एडीएम की मौजूदगी में कार्रवाई चलेगी।

    इस संबंध में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश का कहना है कि पलटन बाजार व प्रेमनगर में अतिक्रमण हर हाल में तोड़ा जाएगा। जहां तक टीमों के कुंद पडऩे की बात आ रही है तो ऐसा बिलकुल नहीं चलेगा। एसएसपी व एडीएम की मौजूदगी में दोनों जगह सीमांकन और ध्वस्तीकरण का काम किया जाएगा। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। 

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