Move to Jagran APP

सहकारी समितियों से 50 हजार रुपये तक ले सकेंगे अंशदान

सहकारी समितियों को अब अपने शुद्ध लाभ में से अंशदान के रूप में ज्यादा धनराशि देनी होगी। राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को सहकारिता नियमावली में कई संशोधनों को हरी झंडी दिखाई।

By Edited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 10:51 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 02:22 PM (IST)
सहकारी समितियों से 50 हजार रुपये तक ले सकेंगे अंशदान
सहकारी समितियों से 50 हजार रुपये तक ले सकेंगे अंशदान

देहरादून, राज्य ब्यूरो। सहकारी समितियों को अब अपने शुद्ध लाभ में से अंशदान के रूप में ज्यादा धनराशि देनी होगी। राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को सहकारिता नियमावली में कई संशोधनों को हरी झंडी दिखाई। इसके मुताबिक प्रारंभिक सहकारी समिति दस लाख रुपये या उससे कम शुद्ध लाभ पर शिक्षा निधि में 5000 रुपये और एक करोड़ से ज्यादा लाभ होने पर 50 हजार रुपये तक अंशदान देगी।

loksabha election banner

सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि मंत्रिमंडल ने सहकारिता नियमावली में नियम 155 से 456 समेत करीब 15 नियमों में संशोधन किया है। संशोधन के मुताबिक जिला व केंद्रीय सरकारी बैंक या नगरीय सहकारी बैंक 15 हजार रुपये सालाना के स्थान पर अब 75 हजार रुपये का अंशदान करेंगे। अन्य केंद्रीय सहकारी समितियां 7000 रुपये के स्थान पर अब 20 हजार रुपये और उत्तरांचल राज्य सहकारी बैंक 1.50 लाख के स्थान पर दो लाख रुपये सालाना योगदान देगा। अन्य शीर्ष समितियों के लिए 40 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये अंशदान राशि तय की गई है। किसी सहकारी समिति की आर्थिक स्थिति खराब होने पर उसे अंशदान में छूट देने का प्रविधान भी किया गया है।

आपदा प्रभावित क्षेत्रों को फायदा 

मंत्रिमंडल ने आपदा के प्रति संवेदनशील राज्य में राज्य आपदा मोचन निधि का दायरा बढ़ा दिया है। इसके दायरे में अब पैदल मार्गों, मोटर मार्गों, पेयजल लाइन, चैक डैम, पुल व पुलिया, स्कूल भवन, सिंचाई नहरों को शामिल किया गया है। इसके लिए 19 जून, 2016 में जारी शासनादेश में संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि राज्य के प्रयासों का नतीजा अच्छा रहा है। अब केंद्र सरकार की ओर से जारी होने वाली नई गाइडलाइन में एसडीआरएफ के नए प्रविधानों को शामिल करने की सहमति दी गई है। अभी तक राज्य सरकार सभी जिलाधिकारियों को एसडीआरएफ मद में दो-दो करोड़ यानी कुल 26 करोड़ की राशि जारी करती है। 

बाजपुर मिल को जीवनदान

बंदी के कगार पर पहुंची सहकारी चीनी मिल बाजपुर को नया जीवनदान मिलने जा रहा है। राज्य की सहकारी मिलों को पुनर्जीवन देने को सुझाए गए चार विकल्पों पर मंत्रिमंडल ने विचार किया। इसके बाद तय किया कि बाजपुर मिल में 100 किलो लीटर पर डे क्षमता का एथनॉल प्लांट लगाया जाएगा। शर्त यह रखी गई है कि इसके लिए सरकार मिल को ऋण नहीं देगी। यह कार्य पीपीपी मोड में किया जाएगा। 

फैसले में देरी से मंत्रिमंडल खफा

अल्मोड़ा स्थित कुम्ट्रान लिमिटेड के 1999 बंद हो जाने के बाद 11 कर्मचारियों को पुनर्नियोजित किए जाने का मामला मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया। उक्त में छह कर्मचारियों को खाद्य महकमे में समायोजित किया जा चुका है। शेष पांच कर्मचारियों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बारे में आज तक फैसला नहीं लेने पर मंत्रिमंडल ने नाराजगी जताई। यह तय किया गया कि उक्त पांच कर्मचारियों आरके शर्मा, डीके जोशी, डीएस कंवर, सुनील कुमार व मो लुकमान को वर्ष 2004 तक अवैतनिक मानते हुए उक्त अवधि तक सेवाकाल की गणना की जाएगी। इसके मुताबिक उन्हें लाभ देने का निर्णय लिया गया। उत्तराखंड मार्ग का अधिकार नियमावली-2018 में संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। इसमें नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धारित 500 रुपये किराये की जगह शहरी क्षेत्रों में 100 रुपये एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 50 रुपये निर्धारित किया गया।

खास अधिकारी को फायदा

मंत्रिमंडल ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग में उप मुख्य विपणन अधिकारी सेवा नियमावली को मंजूरी दी। खास बात ये है कि सिर्फ एक अधिकारी को फायदा पहुंचाने को यह कदम उठाया गया है। इस संबंध में पहले लिए गए फैसले पर गुरुवार को कैबिनेट की मुहर लगाई गई। 

यह भी पढ़ें: Cabinet meeting: सार्वजनिक वाहनों में अब यात्रियों को देना होगा दोगुना किराया

चार सुधारों से बढ़ सकेगा घाटा

प्रदेश में उत्तराखंड राजकोषीय उत्तरदायितव और बजट प्रबंधन संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दी गई। इसके तहत कोरोना से उपजी परिस्थितियों को देखते हुए सालाना राजकोषीय घाटे की सीमा को राज्य सकल घरेलू उत्पाद के तीन फीसद से बढ़ाकर पांच फीसद किया गया है। इस वृद्धि में 0.50 फीसद ही शर्त रहित वृद्धि है। इससे ज्यादा यानी एक फीसद वृद्धि पाने के लिए राज्य सरकार को चार सुधारों को अपनाना होगा। एक राष्ट्र एक राशन कार्ड प्रणाली के क्रियान्वयन पर 0.25 फीसद, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधार पर 0.25 फीसद, शहरी स्थानीय निकायों में सुधार पर 0.25 फीसद और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार पर 0.25 फीसद वृद्धि का लाभ मिलेगा। 

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड में 25793 करोड़ की संशोधित सालाना ऋण योजना मंजूर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.