उत्तराखंड में ये जिला बनेगा ए-2 मिल्क का मॉडल, जानिए
उत्तराखंड सरकार बागेश्वर जिले को ए 2 मिल्क का मॉडल बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत यहां बदरी, रेड सिंधी गायों के पालन को प्रोत्साहित कर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
By Edited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 10:18 PM (IST)Updated: Sat, 02 Feb 2019 01:34 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। भारतीय देशी गाय के दूध के वैश्विक स्तर पर 'ए-2' (सर्वश्रेष्ठ) घोषित होने के बाद अब राज्य सरकार देशी गाय पालन को प्रोत्साहन देने जा रही है। इस कड़ी में बागेश्वर जिले को ए-2 मिल्क का मॉडल बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत यहां 'बदरी', 'रेड सिंधी' गायों के पालन को प्रोत्साहित कर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
भारतीय देशी गाय के दूध में सर्वाधिक पोषक तत्व पाए गए हैं। वैश्विक स्तर पर हुए शोध में यह बात सामने आई है और फिर इस दूध को ए-2 का दर्जा दिया गया। यही कारण है कि देश-दुनिया में ए-2 श्रेणी के दूध की सर्वाधिक मांग है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने भी उत्तराखंड में देशी गाय पालन को बढ़ावा देने का निश्चय किया है। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में भी इस पर मुहर लगाई गई और बागेश्वर जिले को ए-2 दूध उत्पादन के लिहाज से मॉडल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया।
सचिव पशुपालन आर. मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार इस मुहिम के तहत बागेश्वर जिले में बदरी, रेड सिंधी जैसी देशी गायों के पालन को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह कार्य पशुपालन के जिम्मे होगा, जबकि दूध कलेक्शन की जिम्मेदारी आंचल दुग्ध संघ की होगी।
प्रत्याशी खुद भी बनेगा प्रस्तावक राज्य की तमाम सहकारी समितियों में सदस्यों की कम संख्या को देखते हुए सरकार ने समितियों की निर्वाचन नियमावली में संशोधन किया है। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है। सहकारी समितियों की निर्वाचन नियमावली में चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को दो या तीन प्रस्तावक देने होते हैं। कई समितियों में सदस्यों की संख्या बेहद कम है। इसे देखते हुए अब नियमावली में यह संशोधन किया गया है कि सदस्यों की संख्या कम होने की दशा में प्रत्याशी खुद का प्रस्तावक बन सकता है।
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