उत्तराखंड : लिखित परीक्षा नहीं, मेरिट से बीआरपी-सीआरपी की नियुक्ति
प्रदेश में बीआरपी (ब्लॉक रिसोर्स परसन) और सीआरपी (क्लस्टर रिसोर्स परसन) के कुल 955 पदों पर तैनाती में वित्तीय पेच हटेगा। इन पदों पर तैनाती के लिए प्रतिनियुक्ति के स्थान पर पदस्थापना की व्यवस्था करने पर मंथन किया जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में बीआरपी (ब्लॉक रिसोर्स परसन) और सीआरपी (क्लस्टर रिसोर्स परसन) के कुल 955 पदों पर तैनाती में वित्तीय पेच हटेगा। इन पदों पर तैनाती के लिए प्रतिनियुक्ति के स्थान पर पदस्थापना की व्यवस्था करने पर मंथन किया जा रहा है। साथ उक्त पदों पर चयन के लिए लिखित परीक्षा के प्रस्ताव को बदला गया है। शासन को भेजे गए संशोधित प्रस्ताव में मेरिट सूची और इंटरव्यू के आधार पर चयन करने की पैरवी की गई है।
प्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान को दो साल पहले लागू किया जा चुका है। हालांकि इसका ढांचा बीते अक्टूबर माह में लागू किया गया। ढांचे में बीआरपी के हर ब्लाक में तीन यानी कुल 285 पद हैं। इसीतरह हर न्याय पंचायत स्तर पर एक यानी कुल 670 सीआरपी की नियुक्ति की जानी है। नए ढांचे में इन पदों पर प्रतिनियुक्ति के माध्यम से तैनाती करने का प्रस्ताव है। सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और अन्य व्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए बीआरपी और सीआरपी की तैनाती में प्रतिनियुक्ति की वजह से पेच फंस गया है। इन पदों पर प्रतिनियुक्ति पर शिक्षकों की तैनाती में सरकार को बड़ा आर्थिक बोझ सहना पड़ेगा।
12.89 करोड़ अतिरिक्त चाहिए
समग्र शिक्षा अभियान में इन पदों पर तैनाती के लिए वेतन मद में बजट की काफी कम व्यवस्था केंद्र सरकार ने की है। प्रति पद सिर्फ 40 हजार रुपये मासिक वेतन के हिसाब से छह माह के लिए मात्र 11.46 करोड़ वेतन का प्रविधान किया गया है। प्रदेश में नियुक्त होने वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों का औसत वेतन तकरीबन 35 हजार ज्यादा है। अब यदि बीआरपी और सीआरपी के पदों पर शिक्षकों की तैनाती करनी है तो शिक्षा विभाग को वेतन मद के लिए ही उक्त धनराशि के अतिरिक्त 12.89 करोड़ रुपये और चाहिए।
प्रतिनियुक्ति भत्ते का पेच
इसलिए वित्तीय और अन्य पेच दूर करने को शिक्षा विभाग ने शासन को संशोधित प्रस्ताव भेजा है। इसमें उक्त पदों को प्रतिनियुक्ति के बजाय पदस्थापना से भरना प्रस्तावित किया गया है। पदस्थापना की व्यवस्था लागू होने से इन पदों पर नियुक्त होने वालों को प्रतिनियुक्ति भत्ता देने की बाध्यता भी खत्म हो जाएगी। बीते दिनों शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इस विषय को प्राथमिकता पर लेते हुए बीआरपी और सीआरपी की नियुक्ति जल्द करने के निर्देश शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को दिए थे।
लिखित परीक्षा के बजाय मेरिट सूची
यह तय किया गया है कि बीआरपी और सीआरपी को मानदेय की जगह पूरा वेतन देने के लिए केंद्र को पत्र भेजकर अनुरोध किया जाएगा। इसके अतिरिक्त शिक्षा विभाग के प्रस्ताव में बीआरपी और सीआरपी पद पर चयन के लिए लिखित परीक्षा की व्यवस्था समाप्त करने को कहा गया है। इसके स्थान पर हर जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति प्राप्त आवेदनों की छंटाई करेगी। इसके बाद मेरिट सूची के आधार पर साक्षात्कार होंगे। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि इस संबंध में जल्द निर्णय लेकर कार्यवाही की जाएगी।
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