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चालू सत्र में गढ़वाल विवि का ये नियम छात्रों पर पड़ रहा है भारी, जानिए

डॉ. सुनील अग्रवाल ने कहा कि चालू सत्र में बीएड में प्रवेश के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विवि का नया नियम छात्रों पर भारी पड़ रहा। नए नियम को पूरा नहीं करने के कारण बीएड कॉलेजों में 30 फीसद छात्र दाखिला ही नहीं ले पाए।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 08:20 AM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 08:20 AM (IST)
चालू सत्र में गढ़वाल विवि का ये नियम छात्रों पर पड़ रहा है भारी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने कहा कि चालू सत्र में बीएड में प्रवेश के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विवि का नया नियम छात्रों पर भारी पड़ रहा है। नए नियम को पूरा नहीं करने के कारण बीएड कॉलेजों में 30 फीसद छात्र दाखिला ही नहीं ले पाए। 

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इस बारे में रविवार को डॉ. सुनील अग्रवाल ने हाथीबड़कला स्थित कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने बताया कि गढ़वाल विवि ने बीएड करने के इच्छुक छात्र-छात्राओं की प्रवेश परीक्षा इस बार नहीं कराई। कोरोना संक्रमण के कारण दाखिले के इच्छुक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए। करीब 15 हजार छात्रों ने आवेदन किया। गढ़वाल विवि ने इस बार एक नियम बनाया है कि बीएड में प्रवेश के लिए कला वर्ग के 60 फीसद व विज्ञान वर्ग के 40 फीसद छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा। 

इसी आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की गई। तर्क दिया कि कई वर्षों से बीएड कक्षाओं में विज्ञान वर्ग के छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस नए नियम के कारण बीएड कॉलेजों में लगभग 70 फीसद सीटें ही भर पाईं। बीएड के लिए आवेदन करने वालों में विज्ञान वर्ग के छात्र-छात्राएं अधिक हैं, लेकिन उनका कोटा केवल 40 फीसद है।

बीएड कॉलेजों ने गढ़वाल विवि से गत वर्षों की तरह कला वर्ग की सीटों पर विज्ञान वर्ग के छात्रों के प्रवेश की अनुमति मांगी थी, लेकिन लंबा समय बीतने के बाद भी अभी तक विवि ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है, जिससे कॉलेजों में अभी सीटें रिक्त हैं। जबकि विज्ञान वर्ग के छात्र प्रवेश के लिए चक्कर काट रहे हैं। 

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