दुल्हन ने नशेड़ी दूल्हे को लौटाया, बोली शादी गुड्डे-गुड़ियों का खेल नहीं
शादी के दौरान जब दुल्हन ने दूल्हे को नशे में देखा तो वो गुस्सा गई। उसने शादी से साफ इन्कार कर दिया है। दुल्हे को बरात समेत वापस लौटा दिया।
देहरादून, [केदार दत्त]: 'हार न मानने का जज्बा तुम्हें उठाएगा, तुम्हारा अडिग फैसला तुम्हें बढ़ाएगा, आखिरकार देखना तुम्हारे आगे, धरती हिल जाएगी, आसमां झुक जाएगा।' कवि अंशुमन दुबे की यह पंक्तियां सटीक बैठती हैं देहरादून की उस बेटी पर, जिसने नशे के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए दूल्हे को बरात समेत वापस लौटा दिया। महज आठवीं पास यह लाडली जिंदगी के फलसफे को बखूबी समझती है। वह कहती है-'विवाह कोई गुड्डे-गुड़िया का खेल नहीं है। आप ही बताइये, शराब की लत के आदी व्यक्ति के साथ कोई कैसे जिंदगी गुजार सकता है। मैंने, जो भी किया उसी में मेरी और मेरे परिवार की भलाई थी। मुझे अपने फैसले पर नाज है।'
शहर से सटी एक बस्ती में नदी किनारे लगा एक छोटा सा घर। इसी में रहता है समझदार और साहसी सपना (परिजनों के आग्रह पर काल्पनिक नाम) का परिवार। चार भाई-बहनों में सपना सबसे छोटी है। सपना के पिता एक स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, जबकि तीनों भाई प्राइवेट जॉब करते हैं। पिछले कुछ दिनों से घर में सपना की शादी की तैयारियां चल रही थीं।
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उसका विवाह रुड़की निवासी टैक्सी ड्राइवर के साथ तय हुआ था। शुक्रवार को बरात घर पर पहुंची तो खुशियां दुगनी हो गई। गर्मजोशी से उसका स्वागत हुआ, लेकिन खुशियों का तब ग्रहण लगने लगा, जब ये बात सामने आई कि दूल्हा शराब पिए हुए है।
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सपना के बड़े भाई के मुताबिक तब लगा कि दोस्तों ने दूल्हे को जबरन शराब पिला दी, लेकिन फेरों के वक्त भी दूल्हा लड़खड़ा रहा था। उसे समझाया गया तो मान गया, लेकिन विदाई के वक्त भी दूल्हा नशे में धुत्त था। इससे सभी सकते में आ गए। सपना ने भी कड़ा फैसला लेते हुए साफ कर दिया कि वह ऐसे व्यक्ति के साथ जिंदगी व्यतीत नहीं कर सकती।
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सो, सपना ने दूल्हे समेत बरात को वापस लौटा दिया। वह कहती है कि उसने एकदम सही फैसला लिया है। फिलहाल, वह इस बारे में किसी से कोई बात नहीं करना चाहती। हां, इस साहसी बेटी ने अपने परिजनों के माध्यम से दैनिक जागरण से अपनी भावनाएं जरूर साझा कीं। परिजनों ने भी सपना के फैसले को पूरी तरह उचित ठहराया।
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