ब्रह्मोस को रोकने वाला दुनिया में कोई नहीं, प्रख्यात विज्ञानी ने बताई कैपेसिटी; बोले 'जल्द लॉन्च होगी नई BrahMos'
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व एमडी डा. सुधीर मिश्रा ने ब्रह्मोस मिसाइल की क्षमता बताते हुए कहा कि इसे रोकने वाला कोई एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है। इसकी गति ध्वनि से तीन गुना अधिक है जिससे दुश्मन के रडार पर यह कम समय के लिए ही दिखती है। उन्होंने बताया कि नई जनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइलें जल्द आएंगी जिनका वजन कम और मारक क्षमता अधिक होगी।
अशोक केडियाल, जागरण देहरादून। BrahMos Missile: आपरेशन सिंदूर से भारत ने पूरी दुनिया को अपनी रक्षा शक्ति का एहसास कराया है। इस पूरे आपरेशन में जिस तरह ब्रह्मोस मिसाइल ने आतंक के विरुद्ध अपनी अचूक मारक क्षमता का परिचय दिया, उससे दुनिया की निगाह भी इस अदभुत मिसाइल पर आ टिकी है।
इस मिसाइल को डिजाइन करने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रख्यात विज्ञानी ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व एमडी और सीईओ सुधीर मिश्रा ने देहरादून में 'दैनिक जागरण' के साथ इस पर विस्तृत बातचीत की। ब्रह्मोस मिसाइल की क्षमता को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान में दुनिया में ऐसा कोई एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है, जो इसे रोक पाए।
चीन और पाकिस्तान बहुत पीछे
डा. सुधीर मिश्रा ने कहा कि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जैसी क्षमता हासिल करने में चीन और पाकिस्तान बहुत पीछे हैं। इसकी तीन मुख्य विशेषताएं हैं। इसकी गति ध्वनि की गति से तीन गुणा है। दुश्मन के रडार पर ब्रह्मोस मिसाइल अपनी गति के कारण केवल 10 किलोमीटर के दायरे तक दिखाई दे सकती है। इतने सीमित दायरे में किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम से इसे भेदना लगभग नामुमकिन है।
900 मीटर प्रति सेकेंड है गतिडा. मिश्रा ने मिसाइलमैन डा. एपीजे अब्दुल कलाम के ब्रह्मोस बनाने की शुरुआत करने से लेकर इसे तैयार किए जाने तक की दास्तान साझा की। कहा कि ब्रह्मोस दुनिया की पहली ऐसी क्रूज मिसाइल है, जिसकी गति सबसे तेज 900 मीटर प्रति सेकेंड है। इसकी रेंज 30 किलोमीटर से लेकर 300 किलोमीटर तक है और जल, थल और नभ तीनों जगह से लांच की जा सकती है।
नई ब्रह्मोस हल्की और ज्यादा रेंज वाली होगी
डा. मिश्रा ने बताया कि हाल ही में लखनऊ में प्रारंभ किए गए ब्रह्मोस प्रोडक्शन केंद्र में न्यू जनरेशन की ब्रह्मोस बनाई जाएंगी, जो अधिक मारक क्षमता से लैस होंगी। इसका वजन कम करने और रेंज बढ़ाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह मिसाइलें 290 से 400 किमी की दूरी तक दुश्मन को निशाना बना सकती हैं। नई जनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइलों का वजन 1,290 किलोग्राम होगा, जो मौजूदा मिसाइल से काफी कम है।
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