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भाजपा प्रवक्ता मुन्ना चौहान डीएम के रवैये पर भड़के, मुख्य सचिव से कार्रवाई की मांग

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक मुन्ना सिंह चौहान चमोली जिलाधिकारी के रवैये पर भड़क गए। उन्‍होंने जिलाधिकारी के रवैये पर आपत्ति कर मुख्य सचिव से कार्रवाई की मांग की है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 08:46 AM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 12:20 PM (IST)
भाजपा प्रवक्ता मुन्ना चौहान डीएम के रवैये पर भड़के, मुख्य सचिव से कार्रवाई की मांग
भाजपा प्रवक्ता मुन्ना चौहान डीएम के रवैये पर भड़के, मुख्य सचिव से कार्रवाई की मांग

देहरादून, राज्य ब्यूरो। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक मुन्ना सिंह चौहान चमोली जिलाधिकारी के रवैये पर भड़क गए। पीएम रिलीफ फंड और सीएम रिलीफ फंड में सहायता राशि के चेक भाजपा नेता वीरेंद्र असवाल से लेने के दौरान जिलाधिकारी ने उठना तक गवारा नहीं समझा। सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में मुन्ना सिंह चौहान ने जिलाधिकारी के रवैये पर आपत्ति कर मुख्य सचिव से कार्रवाई की मांग की है।

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नौकरशाहों के व्यवहार पर विधायक विधानसभा में अक्सर आपत्ति जताते रहे हैं। इस बार मामला सत्तारूढ़ दल के नेता के साथ चमोली जिलाधिकारी के व्यवहार का मसला तूल पकड़ गया। चमोली में भाजपा के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र सिंह असवाल पीएम रिलीफ फंड और सीएम रिलीफ फंड में बतौर योगदान 50-50 हजार के चेक लेकर जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया के कार्यालय पहुंचे। जिलाधिकारी ने सीट पर बैठे हुए ही इसे ग्रहण किया।

यह फोटो देखकर भाजपा प्रवक्ता व वरिष्ठ विधायक मुन्ना सिंह चौहान खफा हो गए। उन्होंने सोशल मीडिया पर उक्त फोटो के साथ अपनी पोस्ट में जिलाधिकारी के व्यवहार पर सख्त आपत्ति जताई और इसे राष्ट्रीय कर्तव्य का अनादर करार दिया। अपनी पोस्ट में ही उन्होंने मुख्य सचिव से इस मामले का नोटिस लेकर कार्रवाई की मांग भी की है। इस संबंध में संपर्क करने पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि चमोली की जिलाधिकारी अच्छी और नौजवान अधिकारी हैं। उनसे गरिमापूर्ण व्यवहार की उम्मीद की जाती है। खासतौर पर राष्ट्रीय दायित्व की पूर्ति को जन साधारण आगे आए तो उसका सम्मान होना ही चाहिए।

विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने ली पशुओं की सुध, उठाए कदम

महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ बकरी पालन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने लॉकडाउन के चलते पशुओं की सुध लेते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि चारे की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने जिलाधिकारियों को आपदा पद में चारे के लिए धन देने के निर्देश देने और इस कार्य के लिए विधायक निधि का उपयोग करने की अनुमति देने की मांग की है।

पत्र में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन की वजह से गौशाला चला रही स्वयंसेवी संस्थाएं परेशान हैं। उन्हें चारे को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गोशाला संचालक बार-बार चारा उपलब्ध कराने का अनुरोध कर रहे हैं। मौजूदा परिस्थितियों में लॉकडाउन की वजह से आम जन को तो राहत दी जा रही है, लेकिन पशुओं के लिए मदद नहीं हो पा रही है। उन्होंने चारे की उपलब्धता के लिए विधायक निधि का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया।

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उन्होंने कहा कि उक्त कार्य के लिए विधायक निधि देने का प्रविधान नहीं है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री से इसके लिए विधायक निधि नियमावली में छूट देने की मांग भी की। उन्होंने जिलाधिकारियों को भी आपदा मद से चारे के लिए धनराशि जारी करने के लिए निर्देश देने की मांग भी की। रेखा आर्य के पास उक्त के अलावा चारा व चारागाह विकास, मत्स्य विकास भी हैं।

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