अफसरों से आहत भाजपा विधायक, सीएम दरबार में दी दस्तक
वरिष्ठ अधिकारियों के रवैये से नाराज भाजपा विधायकों ने सीएम से भंट कर अपना दर्द बयां किया। इस पर सीएम ने भरोसा दिलाया कि उनसी बातों का समाधान किया जाएगा।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: सत्तापक्ष के विधायक शासन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के रवैये से खासे खफा हैं। अधिकारियों द्वारा विधायकों की बातों को कोई तवज्जो न दिए जाने से आहत ऐसे ही लगभग एक दर्जन विधायकों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भेंट कर उनके समक्ष अपना दर्द बयां किया और सख्त कदम उठाने की अपेक्षा की। गंभीर बात यह कि नाराज विधायकों के निशाने पर अपर मुख्य सचिव और सचिव स्तर तक के अधिकारी भी थे। हालांकि मुख्यमंत्री ने विधायकों को भरोसा दिलाया कि उनकी सभी बातों का उचित तरीके से समाधान किया जाएगा।
उत्तराखंड में अफसरशाही की निरंकुशता अकसर चर्चाओं में रहती आई है। मौजूदा सरकार के कुछ मंत्री भी अफसरों के व्यवहार और कार्यशैली को लेकर सार्वजनिक मंचों तक से असंतोष जाहिर कर चुके हैं। यही नहीं, पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान भी इस तरह की घटनाएं सुर्खियां बनती रही हैं।
पिछले महीने ही अपना एक साल का कार्यकाल पूरा करने वाली प्रदेश सरकार में भी अब अफसरशाही के खिलाफ विधायकों का गुस्सा फूटने लगा है। महत्वपूर्ण बात यह कि जिन विधायकों ने अफसरों के रवैये को लेकर नाराजगी जताई, वे सभी भाजपा, यानी सत्तापक्ष के ही हैं।
सूत्रों के मुताबिक लगभग एक दर्जन भाजपा विधायक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ बैठक में व्यस्त थे। सूत्रों की मानें तो आवास में मौजूद मुख्यमंत्री स्टाफ ने विधायकों को मुख्यमंत्री की व्यस्तता का हवाला देते हुए अगले दिन मुलाकात करने को कहा।
इस पर विधायकों का पारा चढ़ गया। विधायकों के तेवर देख मुख्यमंत्री स्टाफ ने उनसे नीचे ही इंतजार करने को कहा, लेकिन विधायक नहीं मानें। वे मुख्यमंत्री से मिलने की बात कहते हुए प्रथम तल पर पहुंच गए। यह बात जब मुख्यमंत्री तक पहुंची तो उन्होंने विधायकों को कक्ष में बिठाकर उनसे वार्ता की।
विधायकों का कहना था कि अधिकारी न तो उनकी बातों पर ध्यान दे रहे हैं और न ही उनके द्वारा भेजे गए विकास कार्यों से संबंधित प्रस्तावों को लेकर गंभीरता प्रदर्शित कर रहे हैं। विधायकों का यह तक आरोप था कि कुछ अफसर तो विधायकों के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल तक को ताक पर रख मनमानी कर रहे हैं। सचिवालय में अधिकारियों के कक्ष में जाने पर भी विधायकों को जानबूझकर इधर-उधर टहलाया जाता है। मुलाकात के लिए पहुंचने पर अधिकारी अकसर कन्नी काटने की कोशिश करते हैं।
विधायकों ने लोकसभा और निकाय चुनावों को देखते हुए क्षेत्र में कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने का मुख्यमंत्री से अनुरोध किया। मुख्यमंत्री के उचित कदम उठाए जाने के आश्वासन के बाद ही विधायक वहां से निकले।
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले भाजपा विधायकों में शामिल पूर्व मंत्री खजानदास ने हालांकि किसी नाराजगी से इन्कार करते हुए इसे एक सामान्य मुलाकात बताया। उन्होंने कहा कि हर बुधवार व गुरुवार को मुख्यमंत्री, विधायकों से मिलते हैं।
उनसे विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों पर चर्चा की। अधिकारियों के प्रति नाराजगी पर विधायक खजानदास ने कहा कि हर विधायक का अपना प्रोटोकॉल होता है। विधायक अधिकारी से बात करने में सक्षम हैं।
एक कार्यक्रम में एकत्र हुए विधायक
सूत्रों के मुताबित भाजपा विधायक पहले विधानसभा परिसर में स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में एकत्र हुए। इसके बाद कुछ विधायकों को छोड़कर बाकी विधायक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे।
इन विधायकों ने की मुलाकात
मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले विधायकों में खजानदास, देशराज कर्णवाल, भरत चौधरी, दिलीप रावत, विनोद कंडारी, केदार सिंह रावत, गोपाल रावत, विजय सिंह पंवार, सुरेश राठौर, सुरेंद्र सिंह नेगी व मनोनीत विधायक जीआइजी मैन शामिल थे।
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