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ऑडियो प्रकरण: भाजपा विधायक काऊ की मुश्किलें और बढ़ी, पढ़ि‍ए पूरी खबर

सोशल मीडिया पर वायरल हुए ऑडियो के मामले में रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 08 Oct 2019 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 08:55 AM (IST)
ऑडियो प्रकरण: भाजपा विधायक काऊ की मुश्किलें और बढ़ी, पढ़ि‍ए पूरी खबर
ऑडियो प्रकरण: भाजपा विधायक काऊ की मुश्किलें और बढ़ी, पढ़ि‍ए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान जिला पंचायत सदस्य पद के पार्टी समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ सोशल मीडिया पर वायरल हुए ऑडियो के मामले में रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। अब सोशल मीडिया में उनका एक और कथित ऑडियो तैरने लगा है। यह ऑडियो नगर निगम चुनाव के दौरान का बताया जा रहा है। इसमें कथित तौर पर एक निर्दलीय के समर्थन की बात कही जा रही है।

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जिला पंचायत की अस्थल सीट (रायपुर विकासखंड) से भाजपा समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ हाल में सोशल मीडिया पर विधायक काऊ का ऑडियो वायरल हुआ। हालांकि, रायपुर ब्लाक में पंचायत चुनाव का मतदान खत्म होते ही यह ऑडियो सोशल मीडिया से हट गया, मगर इससे असहज भाजपा ने प्रकरण को गंभीरता से लिया। मामले में रविवार को भाजपा के प्रांतीय नेतृत्व ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था। विधायक को तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है।

इस ऑडियो प्रकरण के बीच अब विधायक काऊ का एक और कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर तैरने लगा है। नगर निगम चुनाव के बताए जा रहे इस ऑडियो को नगर निगम चुनाव में एक वार्ड से भाजपा समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ बताया जा रहा है। गौरतलब है कि नगर निगम चुनाव के दौरान भी प्रत्याशियों के चयन को लेकर पार्टी नेतृत्व और विधायक काऊ के मध्य तनातनी चर्चा के केंद्र में रही थी। जाहिर है कि पंचायत चुनाव के ऑडियो प्रकरण के बाद इस नई मुसीबत को देखते हुए विधायक की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। 

विधायक से पहले सोशल मीडिया पर छाया नोटिस

पंचायत चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी के विरोध में वायरल ऑडियो के मामले में भाजपा के प्रांतीय नेतृत्व की ओर से विधायक उमेश शर्मा काऊ को भेजा गया नोटिस उन्हें अभी तक नहीं मिला है, मगर यह सोशल मीडिया पर खूब छाया हुआ है। पार्टी ने रविवार शाम को नोटिस जारी किया था और जारी होते ही यह सोशल मीडिया में छाया हुआ है। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि, जिसने भी नोटिस को वायरल किया, क्या उसके खिलाफ भी पार्टी एक्शन लेगी। बता दें कि पार्टी ने विधायक काऊ को पार्टी के वाद को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के समक्ष ले जाने पर नोटिस दिया है। 

आखिर कहां गया नोटिस

भाजपा की ओर से विधायक को जारी किया गया नोटिस अभी तक उन्हें नहीं मिला है, जबकि इसमें जवाब देने की समयावधि तीन दिन की है। सोमवार देर शाम संपर्क करने पर विधायक काऊ ने कहा कि उन्हें अभी तक नोटिस नहीं मिला है। मिलने पर इसका जवाब देने के साथ ही पार्टी नेतृत्व के समक्ष पक्ष रखा जाएगा। उन्होंने ऑडियो को उनके खिलाफ साजिश भी करार दिया। वहीं, भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं प्रांतीय कार्यालय प्रभारी राजेंद्र भंडारी ने कहा कि जिलाध्यक्ष के माध्यम से विधायक को नोटिस भेजा गया है। साथ ही मेल भी की गई है। ऐसे में सवाल तैर रहा कि जब विधायक को नोटिस अब तक नहीं मिला तो आखिर ये गया कहां। 

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अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं : भट्ट

विधायक ऑडियो प्रकरण के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने साफ किया कि पार्टी में अनुशासनहीनता को किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भट्ट की ओर से सोमवार को जारी वक्तव्य में कहा गया कि पंचायत चुनाव में कुछ पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा अनुशासनहीनता करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। अभी कुछ और स्थानों पर ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि कुछ अन्य कार्यकर्ता भी पार्टी के निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं। पार्टी विरोधी गतिविधियों की पुष्टि होते ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिर चाहे वह व्यक्ति कोई भी और किसी भी पद पर क्यों न हो। भट्ट ने कहा कि अभी पंचायत चुनाव के दो चरण और होने हैं। पार्टी इस बात को सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी कार्यकर्ता व पदाधिकारी पार्टी के निर्णयों व निर्देशों का उल्लंघन न करे।

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