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भीमराव आंबेडकर जयंती पर उनके पद्चिह्नों पर चलन का लिया संकल्प

डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती पर उनके संघर्षों को याद कर उनके पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लिया गया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 02:26 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 02:26 PM (IST)
भीमराव आंबेडकर जयंती पर उनके पद्चिह्नों पर चलन का लिया संकल्प
भीमराव आंबेडकर जयंती पर उनके पद्चिह्नों पर चलन का लिया संकल्प

देहरादून, जेएनएन। भारतीय संविधान के रचयिता और समाज सुधारक भीमराव आंबेडकर की जयंती पर जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस दौरान उन्हें याद कर उनके पद्चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया गया। भारत रत्‍न अंबेडकर हमेशा समानता के लिए संघर्ष करते रहे।

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उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में डा. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण उनके संघर्ष को याद किया गया। हरिद्वार जिले के रुड़की में भीमराव आंबेडकर समाज कल्याण समिति ने नगर निगम में कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल ने कि भाजपा सरकार ने भारत रत्न डॉ. आंबेडकर की ओर से संविधान में प्रदान किए गए अधिकारों और एससी-एसटी को मजबूत करने का काम किया है। हालांकि मंच पर उपस्थित समाज के लोगों ने इसका विरोध किया। समाज के लोगों ने कहा कि यह कार्यक्रम डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर आयोजित किया जा रहा है। इसलिए इसमें सिर्फ बाबा उनके कार्यों के बार में ही बात करना ठीक होगा। 

अंबेडकर जयंती व बैसाखी की शुभकामनाएं 

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को आंबेडकर जयंती और बैसाखी की शुभकामनाएं और बधाई दी है। आंबेडकर जयंती पर अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि बाबा साहब ने अनुसूचित जातियों, जनजातियों और समाज के पिछड़े वर्गों के लिए अतुलनीय संघर्ष किया। उन्होंने सामाजिक भेदभाव को दूर करने और समानता का सिद्धांत लागू करने के लिए भारतीय संविधान का मार्ग चुना। उन्होंने कहा कि हमें डॉ. आंबेडकर के आर्थिक और सामाजिक सुधार के विचारों को साकार करने के प्रयास करने होंगे। आंबेडकर  जयंती पर एक गोष्ठी का भी आयोजन किया जाएगा। 

वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डॉ. आंबेडकर  ने समाज में सबको समान अधिकार दिलाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। वह एक महान विचारक थे। उन्होंने समाज से अश्पृश्यता एवं कुप्रथाओं को मिटाने, समरसता स्थापित करने और पिछड़े तबके को मुख्यधारा में लाने में अहम भूमिका निभाई। बैसाखी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस पर्व पर समाज के सभी लोग प्रेम और भाईचारे की भावना को मजबूत करें और देश की तरक्की में योगदान देने का संकल्प लें। 

वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बैसाखी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह परिश्रम के प्रतिफल के साथ ही हर्ष और उल्लास का पर्व है। उन्होंने इस पावन पर्व पर सभी प्रदेशवासियों की खुशहाली व सुख समृद्धि की कामना की है। 

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