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    Bhai Dooj 2022 : भैया दूज पर बंद हुए केदारनाथ के कपाट, आखिर क्‍यों इसी दिन यात्रा पर लगता है विराम? पढ़ें

    By Nirmala BohraEdited By:
    Updated: Thu, 27 Oct 2022 08:47 AM (IST)

    Bhai Dooj 2022 भगवान आशुतोष के 11वे ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट शुभ लग्न पर विगत छह मई को केदारनाथ के कपाट आम दर्शनों के लिए खोल दिए गए थे। अब भैया दूज पर कपाट बंद कर दिए गए हैं।

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    Bhai Dooj 2022 : भैया दूज पर ही क्‍यों बंद होते हैं केदारनाथ धाम के कपाट?

    टीम जागरण, देहरादून : Bhai Dooj 2022 : भगवान आशुतोष के 11वे ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट शुभ लग्न पर विगत छह मई को केदारनाथ के कपाट आम दर्शनों के लिए खोल दिए गए थे।

    27 अक्‍टूबर को भैया दूज के दिन धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। वहीं गौरीकुंड स्थित मां गौरा माई के कपाट भी भैया दूज पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।

    यात्रा पर छह माह के लिए लगता है विराम

    कपाट बंद करने को लेकर मंदिर समिति ने पूरी तैयारियां की हुई थीं। हर वर्ष भैया दूज पर ही बाबा केदार की यात्रा पर छह माह के लिए विराम लगता है। ऐसा क्‍यों होता है इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है।

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    छह मई को खुले थे केदारनाथ धाम के कपाट

    • छह मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर केदारनाथ धाम के पट खुले थे।
    • हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस मंदिर के पट हर साल वैशाख महीने यानी मार्च-अप्रैल में खोले जाते हैं।
    • करीब 6 महीने तक यहां दर्शन और यात्रा चलती है।
    • इसके बाद कार्तिक माह यानी अक्टूबर-नवंबर में फिर कपाट बंद हो जाते हैं।
    • इस बार 27 अक्‍टूबर भैया दूज के दिन केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद किए गए।
    • धाम के कपाट बंद होने पर भगवान केदारनाथ को चल विग्रह डोली ऊखीमठ ले जाया जाता है
    • ओंकारेश्वर मंदिर में अगले छह माह तक बाबा केदार की पूजा की जाती है।

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    भैया दूज पर ही क्‍यों बंद होते हैं केदारनाथ धाम के कपाट

    वहीं हर वर्ष भैया दूज पर ही धाम के कपाट क्‍यों बंद होते हैं। इसके पीछे एक कहानी छिपी हुई है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक युद्ध के बाद पांडवों ने अपने पित्रों का कर्मकांड किया और भैयादूज के दिन उन्‍हें स्वर्ग की प्राप्ति हुई।

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    एक कारण यह भी है कि पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार भैया दूज से शीतकाल की शुरुआत मानी जाती है और विधिविधान से बाबा केदार के कपाट बंद किए जाते हैं। वहीं कपाट खुलने का दिन हर वर्ष शिवरात्रि पर तय किया जाता है।