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    Chardham Yatra 2022 : इस वर्ष शीश नवाने पहुंचे रिकॉर्ड यात्री, यहां पढ़ें कब बंद होंगे बदरी-केदार के कपाट?

    By Nirmala BohraEdited By:
    Updated: Tue, 25 Oct 2022 02:27 PM (IST)

    Chardham Yatra 2022 चारधाम यात्रा में अब तक यात्रा में 42 लाख से ज्‍यादा तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। अब शीतकाल के लिए धामों के कपाट बंद होने के क्रम शुरू हो रहा है। सबसे पहले 26 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होंगे।

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    Chardham Yatra 2022 : 27 अक्टूबर को बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट। जागरण

    टीम जागरण, देहरादून : Chardham Yatra 2022 : तीन मई 2022 को अक्षय तृतीया के मौके पर चारधाम यात्रा की शुरुआत हुई थी और अब शीतकाल के लिए धामों के कपाट बंद होने के क्रम शुरू हो रहा है। चारधाम यात्रा में अब तक यात्रा में 42 लाख से ज्‍यादा तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं।

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    सबसे पहले अन्नकूट पर्व पर 26 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होंगे। 26 अक्टूबर को श्री गंगोत्री धाम के कपाट 12 बजकर 1 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो जाएंगे। 27 अक्टूबर प्रात: साढे़ आठ बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होंगे।

    27 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त में बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट

    यमुनोत्री धाम के कपाट भी 27 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर को बंद हो जाएंगे। 19 नवंबर को अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। इसके साथ ही द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट शुक्रवार 18 नवंबर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट सात नवंबर को बंद होंगे।

    यह भी पढ़ें : Chardham Yatra 2022 : नजदीक आए यात्रा समापन के दिन, 26 अक्टूबर को बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट

    बता दें कि विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजय दशमी के अवसर पर विधि-विधान पंचाग गणना के पश्चात तय हुई थी।

    बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया

    बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पंच पूजाओं में 15 नवंबर मंगलवार को पहले दिन पूजा अर्चना पश्चात शाम को श्री गणेश जी के कपाट बंद हो जाएंगे।

    दूसरे दिन 16 नवंबर बुधवार को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे, तीसरे दिन गुरुवार 17 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन एवं वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो जाएगा। चौथे दिन शुक्रवार 18 नवंबर को मां लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग लगाया जायेगा।

    पांचवें दिन 19 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष में मां लक्ष्मी को श्री बदरीविशाल के निकट स्थापित करेंगे। इससे पहले श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी मंदिर प्रांगण में आएंगे और श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।

    यहां से कुबेर जी रात्रि अवस्थान हेतु बामणी गांव जाएंगे। जबकि उद्धव जी रावल मंदिर के निकट रहेंगे। दिनांक 20 नवंबर को देवडोलियां बदरीनाथ धाम से पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ हेतु प्रस्थान करेंगी।

    आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 20 नवंबर को रावल सहित योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर प्रवास करेगी। 21 नवंबर सोमवार को आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन भी हो जाएगा।

    केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया

    केदारनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 27 अक्टूबर प्रात: साढ़े आठ बजे शीतकाल हेतु बंद हो जाएंगे। भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली 27 अक्टूबर को फाटा, 28 अक्टूबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तथा 29 अक्टूबर को श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजा शुरू हो जाएंगी।