अब उत्तराखंड में भी शराब की बोतलों पर दिखेगा बारकोड
प्रदेश में अब शराब की बोतलों में जल्द ही बारकोड व क्यूआर कोड नजर आएगा। इसका मकसद शराब की सही कीमत और वैध शराब की पहचान कराना है।
देहरादून, [विकास गुसाईं]: प्रदेश में अब शराब की बोतलों में जल्द ही बारकोड व क्यूआर कोड नजर आएगा। इसका मकसद शराब की सही कीमत और वैध शराब की पहचान कराना है। इससे न केवल होलोग्राम के डुप्लीकेट होने की समस्या दूर होगी, बल्कि ग्राहकों को भी बोतल की सही कीमत की जानकारी मिल सकेगी। बारकोड व क्यूआर कोड की रीडिंग के लिए मोबाइल एप भी बनाई जाएगी।
प्रदेश में अभी शराब की वैध बोतलों की पहचान के लिए होलोग्राम लगाए जाते हैं। इन होलोग्राम के जरिये ही प्रदेश में वैध शराब की बोतलों की पहचान की जाती है। होलोग्राम बनाने के लिए बकायदा टेंडर निकाले जाते हैं। वर्ष 2016 में सरकार ने होलोग्राम की कीमत चार गुना करने को मंजूरी दे दी थी। पहले एक होलोग्राम सात पैसे का आता था, लेकिन इसे 28 पैसे कर दिया गया।
इस पर काफी हंगामा भी हुआ था। इसके बाद एक शराब फैक्ट्री में भी नकली होलोग्राम पकड़े गए थे। इस पर जांच और कार्रवाई हुई। अब नए वित्तीय वर्ष के आगमन के साथ ही एक बार फिर नए सिरे से होलोग्राम के टेंडर निकालने की तैयारी चल रही है। हालांकि, इसके साथ ही महकमा अब बारकोड व क्यूआर कोड लगाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ रहा है।
दरअसल, अन्य प्रदेशों में यह व्यवस्था पहले से ही लागू है और इससे वहां के आबकारी महकमे के पास डाटा भी पूरा रहता है और ग्राहकों की भी कीमत को लेकर दुकानदारों से लडऩा नहीं पड़ता। अभी यह व्यवस्था तुरंत इसलिए लागू नहीं की जा सकती क्योंकि बारकोड अभी केवल मशीनों के जरिये पढ़ा जा सकता है। विभाग अपने लिए तो मशीन का क्रय कर सकता है लेकिन हर ग्राहक के लिए नहीं।
यानी अभी बारकोड केवल विभागीय चेकिंग के काम ही आ सकता है। ग्राहक भी इसकी जानकारी ले सके इसके लिए मोबाइल एप बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए विभिन्न कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है। जब तक यह व्यवस्था लागू होगी तब तक के लिए होलोग्राम की पुरानी व्यवस्था को ही लागू किया जा रहा है। इसके लिए मार्च में टेंडर आमंत्रित किए जा रहे हैं ताकि अप्रैल से आने वाली नई खेप पर इन्हें चस्पा किया जा सके।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।