उत्तराखंड में बांस से बनाए जाएंगे भूकंपरोधी स्कूल भवन, पढ़िए पूरी खबर
जर्जर हो चुके विद्यालय भवनों का निर्माण बैंबू यानी बांस से किया जाएगा। बैंबू से स्कूल भवनों के निर्माण की राह साफ करने के लिए प्रस्ताव को कैबिनेट में रखने की तैयारी है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में जर्जर हो चुके विद्यालय भवनों का निर्माण बैंबू, यानी बांस से किया जाएगा। भूकंप के प्रति संवेदनशील उत्तराखंड में भूकंपरोधी तकनीक से स्कूलों के लिए बैंबू से भवन बनाने का प्रस्ताव बैंबू बोर्ड ने शिक्षा महकमे को दिया है। बैंबू से स्कूल भवनों के निर्माण की राह साफ करने के लिए प्रस्ताव को कैबिनेट में रखने की तैयारी है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य में करीब 500 जर्जर भवन चिह्नित किए हैं। इन भवनों को नए सिरे से भूकंपरोधी तकनीक से बनाने का प्रस्ताव बैंबू बोर्ड ने दिया है। बोर्ड की ओर से जर्जर स्कूल भवनों के निर्माण के संबंध में प्रस्ताव सरकार को दिया है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से भूकंप के प्रति संवेदनशील उत्तराखंड में जर्जर हो चुके विद्यालय भवनों की जांच कर उनका ब्योरा तैयार करने को कहा गया था। साथ ही ऐसे भवनों के पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण के कार्य को अभियान के तौर पर शुरू करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने जर्जर भवनों के निर्माण के संबंध में बैंबू बोर्ड की ओर से दिए गए प्रस्ताव और डिजाइन पर महकमे को विचार करने को कहा था।
शिक्षा महकमे की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव शासन को सौंपा गया है। प्रस्ताव में पहले चरण में करीब 20 विद्यालय भवनों को बैंबू से बनाने पर जोर दिया गया है। इनमें 12 विद्यालय देहरादून के हैं। चिह्नित 20 जर्जर विद्यालय भवनों के निर्माण को कैबिनेट से हरी झंडी मिली तो इसके लिए बजट व्यवस्था की जाएगी। दरअसल प्रदेश का अधिकतर भूभाग भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। जोन-चार व जोन-पांच में पर्वतीय व दूरस्थ क्षेत्रों समेत मैदानी क्षेत्रों के जर्जर विद्यालय भवनों के पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण के कार्य को अभियान के तौर पर लेने की योजना है।
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विद्यालय भवनों के आधुनिक व आकर्षक डिजाइन पर भी शिक्षा महकमे ने विचार किया। बैंबू से भवन निर्माण पर 1250 रुपये प्रति वर्गफीट की दर से लागत आएगी। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक बैंबू से जर्जर विद्यालयों के निर्माण का मामला 27 नवंबर को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में रखा जा सकता है।
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