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    Badrinath Dham: उद्योगपति गोयनका ने बदरीनाथ में चंदन-केसर के लिए दिए 15 लाख

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Tue, 18 Aug 2020 09:44 PM (IST)

    Badrinath Dham उद्योगपति संजीव गोयनका ने बदरीनाथ धाम में चंदन-केसर के लिए 15 लाख की राशि दान दी है। इस राशि का चेक मंगलवार को उद्योगपति गोयनका के प्रतिनिधि अभिनंदन ने सौंपा।

    Badrinath Dham: उद्योगपति गोयनका ने बदरीनाथ में चंदन-केसर के लिए दिए 15 लाख

    देहरादून, जेएनएन। Badrinath Dham कोलकाता निवासी उद्योगपति संजीव गोयनका ने बदरीनाथ धाम में चंदन-केसर के लिए 15 लाख की राशि दान दी है। इस राशि का चेक मंगलवार को उद्योगपति गोयनका के प्रतिनिधि अभिनंदन पटवाल ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को सौंपा। 

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    पटवाल ने बताया कि संजीव गोयनका प्रतिवर्ष चंदन-केसर के लिए मंदिर को दान राशि भेजते हैं। उनके पिता स्व. राम प्रसाद गोयनका की भगवान बदरी विशाल के प्रति गहरी आस्था रही है। वे दर्शनों को समय-समय पर बदरीनाथ धाम आते रहते थे और चंदन-केसर के लिए दान भी देते थे। बताया कि पिता के निधन के बाद संजीव इस परंपरा को निभा रहे हैं। गोयनका परिवार की ओर से अन्य पूजाओं के लिए भी नियमित रूप से दान दिया जाता है।

    ग्रीन कार्ड पर संशय

    प्रदेश में चारधाम यात्रा पर आने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड बनाने की योजना पर अभी संशय के बादल छाए हुए हैं। बरसात के कारण यात्रा काफी धीमी गति से आगे बढ़ रही है। सितंबर तक यही स्थिति रहने की संभावना है। अक्टूबर में अमूमन यात्रा में तेजी देखी जाती है। हालांकि, जिस तरह से कोरोना संक्रमण का खतरा अभी बरकरार है, उसे देखते हुए विभाग ऑनलाइन ग्रीन कार्ड के मसले पर अंतिम निर्णय नहीं ले पा रहा है।प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को अनुमति दे दी है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के कारण दूसरे राज्यों से बहुत अधिक यात्री चारधाम तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

    हवा में रोमांच का सफर देने वाली योजना पर अडंगा 

    केदारनाथ तक हवा में सफर का रोमांच देने की रोपवे परियोजना। परियोजना का खाका खींचा गया। कहा गया कि इसके बनने से केदारनाथ और गौरीकुंड की हवाई दूरी नौ किलोमीटर रह जाएगी। पैदल मार्ग की दूरी 16 किलोमीटर है। पैदल यात्रा में आमतौर पर जिस दूरी को तय करने में छह से सात घंटे लगते हैं, रोपवे से वह दूरी मात्र 30 मिनट में ही तय की जा सकेगी।

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    इससे यात्रा न केवल सुगम होगी, बल्कि यात्रा के खर्च में भी कमी आएगी। कारण, हेलीकॉप्टर का किराया पांच से छह हजार रुपये के बीच है, रोपवे में वह काफी कम होगा। साथ ही सफर का रोमांच भी बढ़ जाएगा। इसके लिए सर्वे का काम भी पूरा हो गया। फिलहाल स्थिति यह है कि प्रकिया पूरी न होने के कारण यह महत्वपूर्ण परियोजना आगे नहीं बढ़ पा रही है।

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