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    भारी फीस वृद्धि के खिलाफ आयुष छात्रों ने फूंका राज्य सरकार का पुतला Dehradun News

    By BhanuEdited By:
    Updated: Wed, 13 Nov 2019 09:06 AM (IST)

    निजी कॉलेजों की मनमानी और भारी फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलित आयुष छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। छात्रों ने राज्य सरकार का पुतला दहन किया।

    भारी फीस वृद्धि के खिलाफ आयुष छात्रों ने फूंका राज्य सरकार का पुतला Dehradun News

    देहरादून, जेएनएन। निजी कॉलेजों की मनमानी और भारी फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलित आयुष छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। छात्रों ने राज्य सरकार का पुतला दहन किया। वहीं, शुल्क प्रकरण में हाईकोर्ट में मुख्य याचिकाकर्ता और छात्र नेता ललित तिवारी ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने 14 नवंबर से आमरण अनशन की चेतावनी दी है। 

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    फीस वृद्धि के खिलाफ आयुष छात्र परेड मैदान पर धरना दे रहे हैं। आयुष छात्रों ने आरोप लगाया कि निजी कॉलेजों को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है। करीब डेढ़ माह से छात्र आंदोलन पर हैं, मगर सरकार की ओर से इस मामले के निस्तारण को कोई प्रयास नहीं किया गया। 

    उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कॉलेज मनमानी पर उतारू हैं। उन पर बढ़ी हुई फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है और ऐसा न करने पर कक्षाओं व पूरक परीक्षाओं में बैठने से रोका जा रहा है। इससे पहले छात्रों, अभिभावकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार एवं निजी कॉलेजों के खिलाफ नारेबाजी की। 

    उधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रकाश जोशी और मोहित उनियाल की अगुवाई में बड़ी संख्या में कांग्रेसी और एनएसयूआई कार्यकर्ता भी धरने पर बैठे रहे। इस दौरान अजय मौर्य, प्रगति जोशी, जगदंबा नौटियाल, गोविंद पांडेय, राजेश्वरी कृषाली, राधेश्याम शर्मा समेत छात्र फैसल सिद्दीकी, शिवम शुक्ला, हार्दिक, शिवम तिवारी, प्रखर, भास्कर, दिव्या, कृति, सलमान, आमिर आदि मौजूद रहे। बाद में एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने मशाल जुलूस भी निकाला। 

    नर्सिंग अभ्यर्थियों के धरने को दस दिन, नतीजा सिफर

    उत्तराखंड आयुर्वेद विवि में तीन साल से अटकी नर्सिंग भर्ती के अभ्यर्थियों के धरने को दस दिन हो गए हैं। लेकिन विवि प्रशासन और शासन ने अब तक उनकी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिम्मेदारों के इस रवैये से निराश अभ्यर्थियों ने अब बेमियादी अनशन और आत्मदाह करने की चेतावनी दी है।

    उधर, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने भी अभ्यर्थियों को समर्थन देते हुए कहा कि शासन और विवि प्रशासन के बीच ही भर्ती को लेकर सामंजस्य नहीं है। इसी वजह से भर्ती तीन साल से अटकी हुई है। नर्सिंग अभ्यर्थी दस दिनों से बच्चों के साथ ठंड में दिन-रात धरना दे रही हैं। आंदोलनरत अभ्यर्थियों ने कहा कि विवि प्रशासन और शासन उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है। 

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    उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग पर जल्द कार्रवाई न हुई तो वे बेमियादी अनशन और आत्मदाह करने के लिए बाध्य होंगी। उधर, विवि कुलपति डॉ. सुनील जोशी का कहना है कि वह विवि पहुंचकर अफसरों से नर्सिंग भर्ती की जानकारी लेंगे। वहीं, शासन में भी इस संबंध में बात करेंगे। विवि प्रशासन अभ्यर्थियों की समस्या को लेकर गंभीर है। शासन और विवि प्रशासन की इसके लिए एक कमेटी बनी है। जो जल्द इस पर फैसला लेगी।

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