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अयोध्या ढांचा विध्वंस मामला: कोर्ट के फैसले पर उमा भारती बोलीं, इससे हूं बेहद खुश; श्री राम रूपी सत्य की हुई जीत

कोर्ट के फैसले को पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती ने श्री राम रूपी सत्य की जीत बताया। उन्होंने कहा कि बुधवार को सीबीआई कोर्ट में फैसले के दौरान उन्हें उपस्थित रहना था लेकिन बीमारी के कारण वह शामिल नहीं हो पाई।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 07:46 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 10:37 PM (IST)
अयोध्या ढांचा विध्वंस मामला: कोर्ट के फैसले पर उमा भारती बोलीं, इससे हूं बेहद खुश; श्री राम रूपी सत्य की हुई जीत
कोर्ट के फैसले पर उमा भारती बोलीं, इससे हूं बेहद खुश।

ऋषिकेश, जेएनएन। अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में आए कोर्ट के फैसले को पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती ने श्री राम रूपी सत्य की जीत बताया। उन्होंने कहा कि बुधवार को सीबीआई कोर्ट में फैसले के दौरान उन्हें उपस्थित रहना था, लेकिन बीमारी के कारण वह शामिल नहीं हो पाई। इस मामले में सभी को न्यायालय ने बरी करने का फैसला सुनाया है, जो सत्य की जीत है। आपको बता दें कि उमा भारती कोरोना से संक्रमित हैं और एम्स ऋषिकेश में भर्ती हैं। 

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पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती कोरोना संक्रमित होने के बाद एम्स ऋषिकेश में उपचार करा रही हैं। बुधवार को जब न्यायालय से अयोध्या विध्वंस मामले में सभी 32 आरोपितों को बरी करने का फैसला सुनाया गया तो उस वक्त साध्वी उमा भारती बुखार में तप रहीं थी। उन्होंने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह भगवान श्री राम और सत्य की जीत है। वह न्यायालय के फैसले का स्वागत करती हैं। उमा भारती के निजी सचिव विष्णु वैद्य ने बताया कि साध्वी उमा भारती को बुखार की शिकायत है। वह न्यायालय के फैसले से अत्यधिक प्रसन्न है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जब श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अपना फैसला सुनाया गया था उसके बाद सबसे बड़ी खुशी उन्हें इस मामले में सीबीआइ कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले से मिली है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने 26 सितंबर को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि मैं कानून को वेद, अदालत को मंदिर और जज को भगवान का रूप मानती हूं। इसलिए अदालत का हर फैसला मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद होगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पत्र में कहा कि मुझे अयोध्या आंदोलन में भागीदारी पर गर्व है।

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मैंने तो हमेशा कहा है कि अयोध्या के लिए तो फांसी भी मंजूर है। साध्वी ने यह भी कहा कि यह गर्व की बा है और आश्चर्य पूर्ण विसंगति का विषय है कि जिस अयोध्या मामले में साल 2017 में सीबीआइ ने मुझपर साजिशकर्ता होने का शक जताया था। उसी का शिलान्यास प्रधानमंत्री ने पांच अगस्त 2020 को किया। अब न्यायालय ने जो फैसला दिया है वह मेरे सिर-माथे होगा। साध्वी ने पत्र में यह भी कहा कि मैं भाजपा की रिजर्व फोर्स हूं। जरूरत पड़ने पर हमेशा काम आऊंगी।

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