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    कोरोना काल में फंसी आडिट की कार्रवाई, रोडवेज कार्मिकों को मिलेगा पूरा वेतन

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 03 Jun 2021 02:21 PM (IST)

    कोरोना काल भले ही रोडवेज प्रबंधन के लिए बुरा साबित हो रहा हो लेकिन कार्मिकों के लिए यह फिलहाल राहत लेकर आया है। शासन के आदेश पर हुए स्पेशल आडिट में एसीपी (कैरियर एश्योर्ड प्रमोशन) और वेतन वृद्धि की गड़बड़ी के मामले में कार्रवाई फिलहाल रोक दी गई है।

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    कोरोनाकाल भले ही रोडवेज प्रबंधन के लिए बुरा साबित हो रहा हो, लेकिन कार्मिकों के लिए राहत लेकर आया है।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना काल भले ही रोडवेज प्रबंधन के लिए बुरा साबित हो रहा हो, लेकिन कार्मिकों के लिए यह फिलहाल राहत लेकर आया है। शासन के आदेश पर हुए स्पेशल आडिट में एसीपी (कैरियर एश्योर्ड प्रमोशन) और वेतन वृद्धि की गड़बड़ी के मामले में कार्रवाई फिलहाल रोक दी गई है। पिछले साल गड़बड़ी पकड़े जाने पर तत्कालीन प्रबंध निदेशक ने आडिट में दोषी पाए गए करीब 1300 कार्मिकों के वेतन वृद्धि पर रोक लगाते हुए वेतन कम करने व रिकवरी के आदेश दिए थे। आदेश जनवरी से लागू होने थे, लेकिन आडिट की अगली कार्रवाई कोरोना की जद में फंस गईं। जांच में कुल 3000 कार्मिक दायरे में हैं। आडिट की कार्रवाई लटकने पर रोडवेज मुख्यालय ने जनवरी का वेतन न केवल पूर्व वेतन के समान देने, बल्कि वार्षिक वेतन वृद्धि लाभ देने के आदेश भी दे दिए।

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    रोडवेज में पिछले साल कोरोना के कारण मार्च से लेकर दिसंबर तक का वेतन राज्य सरकार से मिली आर्थिक मदद के आधार पर दिया गया। जनवरी से मई तक पांच माह का वेतन लंबित है। इस दौरान जनवरी के वेतन को लेकर तकनीकी अड़चन यह थी कि आडिट जांच रिपोर्ट के आधार पर 1300 कार्मिकों पर कार्रवाई की जानी थी और बाकी 1700 जांच के दायरे में होने के कारण वेतन जारी करने पर रोक लगी हुई थी। दरअसल, बार-बार मदद ले रहे रोडवेज का शासन ने बीते साल आडिट कराया था। जिसमें बड़े पैमाने पर एसीपी व वेतन वृद्धि घपला पकड़ा गया था। आडिट की कार्रवाई आधी ही हुई थी कि इस साल कोरोना संक्रमण फिर बढ़ गया।

    जिस वजह से जांच फिलहाल ठंडे बस्ते में है। इसी का फायदा उठाकर रोडवेज मुख्यालय ने पिछले साल हुए कार्रवाई के आदेश पर रोक लगा दी। रोडवेज के वित्त नियंत्रक हर सिंह बोनाल ने बुधवार को सभी मंडल एवं डिपो प्रबंधकों को दिए आदेश में बीते साल जनवरी के वेतन पर लगाई गई रोक हटा दी है। जब तक रिपोर्ट फाइनल नहीं होती, पूर्व के समान वेतन दिया जाए। जिन कार्मिकों की वार्षिक वेतन वृद्धि होनी है, उन्हें वह लाभ भी देना सुनिश्चित किया जाए। इससे नियमित कार्मिकों को राहत मिल गई है।

    100 करोड़ की चपत का अनुमान

    आडिट जांच रिपोर्ट में एसीपी व वेतन वृद्धि घपले में रोडवेज को लगभग 100 करोड़ रुपये की चपत लगने का अनुमान बताया गया था। शासन के आदेश पर हुए स्पेशल आडिट में तीन माह तक जांच टीमें रोडवेज के सभी दफ्तर, डिपो व कार्यशाला में डेरा डाले रहीं। प्रारंभिक रिपोर्ट में करीब 1300 कार्मिकों की एसीपी व वेतन वृद्धि में गड़बड़ी पकड़ी गई थी और टीम ने रोडवेज को 100 करोड़ रुपये की चपत लगना माना था। इसके बाद वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई थी।

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