Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लॉकडाउन में ऑडियो बुक को बनाया दिव्यांगों की पढ़ाई का जरिया, पढ़िए पूरी खबर

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Sat, 25 Jul 2020 10:49 AM (IST)

    एनआइईपीवीडी ने दिव्यांग छात्रों की पढ़ाई को मजबूत सिस्टम तैयार किया है। इसके तहत संस्थान की ओर से तैयार की गई ऑडियो बुक दिव्यांगों की बाधा दूर करने का खास जरिया बनी।

    Hero Image
    लॉकडाउन में ऑडियो बुक को बनाया दिव्यांगों की पढ़ाई का जरिया, पढ़िए पूरी खबर

    देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते लागू हुए लॉकडाउन में दिव्यांग छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई है। कई संस्थाओं के सर्वे में दिव्यांग छात्रों द्वारा पढ़ाई छोड़ने तक की बात सामने आ रही है। लेकिन, इन विपरीत परिस्थितियों में दून स्थित राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआइईपीवीडी) ने दिव्यांग छात्रों की पढ़ाई को मजबूत सिस्टम तैयार किया है। इसके तहत संस्थान की ओर से तैयार की गई ऑडियो बुक दिव्यांगों की बाधा दूर करने का खास जरिया बनी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एनआइईपीवीडी के मार्डन स्कूल में वर्तमान में पहली से 12वीं कक्षा तक के 243 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। मार्डन स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य अमित शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद जैसे ही ऑनलाइन पढ़ाई का सिलसिला शुरू हुआ, संस्थान ने भी अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर दी। शुरुआत में जरूरी समस्याएं सामने आईं, लेकिन धीरे-धीरे सभी शिक्षक और छात्रों को जूम एप पर ऑनलाइन कक्षाओं से जुडऩा सिखाया गया। इसके बाद से कक्षाएं लगातार चल रही हैं। 

    संस्थान के निदेशक डॉ. हिमांग्शु दास ने बताया कि संस्थान में अध्ययनरत 90 फीसद छात्र पूरी तरह दृष्टि बाधित हैं, जबकि दस फीसद अल्प दृष्टि बाधित। इन छात्रों की परेशानी को समझते हुए हर कक्षा की किताबों की चैप्टर वाइस ऑडियो बुक तैयार की गई है। इसे उनकी मेल पर भेजा जा चुका है। 

    यह भी पढ़ें: Radio Broadcast Day 2020: ‘नमस्कार, ये आकाशवाणी का नजीबाबाद नहीं देहरादून केंद्र है..’

    कंट्रोल रूम से होती है मॉनिटरिंग

    संस्थान के निदेशक हिमांग्शु दास ने बताया कि हर दिन सुबह 9.30 से 12.30 बजे तक ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही हैं। हर कक्षा के लिए टाइम टेबल तय है। इसी के हिसाब से पढ़ाई करवाई जा रही है। बताया कि गूगल मीट एप पर 15 दिनों के लिए एक लिंक जारी किया जाता है। इसी लिंक पर जुड़कर कक्षाएं ली जाती हैं। हर दिन कक्षाओं और इसमें आने वाली समस्याओं की मॉनिटरिंग की जाती है।

    यह भी पढ़ें: कुलपतियों की तलाश को गठित की जाने वाली सर्च कमेटी का आकार बढ़ाने की तैयारी, पढ़िए पूरी खबर