नए नियमों से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ेगा गंभीर असर, जानिए किसने कहा
एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट ने प्रदेश में उच्च शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए तय किए गए दिशा-निर्देशों पर सवाल उठाए हैं। इंस्टीट्यूट के प् ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून। एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट ने प्रदेश में उच्च शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए तय किए गए दिशा-निर्देशों पर सवाल उठाए हैं। इंस्टीट्यूट के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल का कहना है कि ये दिशा-निर्देश छात्रों को नियमित कक्षाओं से हतोत्साहित करने वाले हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ेगा, जिसका खामियाजा समाज को लंबे समय तक भुगतना होगा। जिसकी जिम्मेदारी दिशा-निर्देश जारी करने वाले अधिकारियों की होगी।
इस बाबत डॉ. सुनील अग्रवाल ने राज्यपाल बेबीरानी मौर्य को ज्ञापन भेजा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में 15 दिसंबर से उच्च शिक्षण संस्थानों को खोलने का फैसला किया गया है। इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कॉलेजों में केवल प्रयोगात्मक (प्रैक्टिकल) विषयों के पाठ्यक्रम ही संचालित होंगे। उसमें भी छात्रों को कॉलेज आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। कॉलेज आना या नहीं आना, छात्रों पर निर्भर करेगा। छात्रों को यह छूट दी गई है। इसके अलावा ऑनलाइन कक्षाएं चलती रहेंगी।
इससे छात्र कॉलेज जाने के बजाय ऑनलाइन शिक्षा को ही प्राथमिकता देंगे। डॉ. अग्रवाल का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में छात्र कॉलेज आने के इच्छुक नहीं रहते। शिक्षा ज्ञान अर्जन के बजाय सिर्फ डिग्री लेने का माध्यम बन गई है। ऐसे में ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहने से छात्रों की उपस्थिति के लिए जो 75 फीसद का मानक है, वह औचित्यहीन हो जाएगा। डॉ. अग्रवाल ने कॉलेज आने के लिए छात्रों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 टेस्ट कराने के निर्देश पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब रैली आदि के लिए टेस्ट अनिवार्य नहीं किया गया तो छात्रों के लिए यह व्यवस्था क्यों।

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