Updated: Fri, 26 Sep 2025 01:31 PM (IST)
उत्तराखंड के एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को पेपर लीक मामले में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट बेरोजगार संघ के अध्यक्ष को दिया ताकि मामला वायरल हो सके। जांच में यह भी पाया गया कि उन्होंने परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया। निलंबन अवधि में उन्हें आधा वेतन मिलेगा।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । राजकीय महाविद्यालय अगरोड़ा, नई टिहरी में वर्ष 2020 से इतिहास विभाग में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत सुमन को मुख्य आरोपित खालिद से संबंध रखने और स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रश्नपत्र के कुछ अंश के साल्वर के रूप में संलिप्तता भारी पड़ गई।
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रायपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद शासन ने सुमन को निलंबित कर दिया। उच्च शिक्षा सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा ने इस संबंध में आदेश जारी किया। आदेश में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की ओर से भेजी गई रिपोर्ट का हवाला दिया गया। इसमें बताया गया कि 21 सितंबर, 2025 को आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा के दौरान हरिद्वार जिले के एक परीक्षा केंद्र से तीन पृष्ठों में 12 प्रश्न बाहर भेजे गए।
जांच में सामने आया कि वर्ष 2018 से सुमन का संपर्क एक ऐसे व्यक्ति से था, जो इस गड़बड़ी में शामिल रहा। आरोप है कि सुमन को प्रश्नपत्र का स्क्रीनशाट मिला, लेकिन इसकी जानकारी आयोग या प्रशासन को देने के बजाय उसने इसे बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बाबी पंवार को उपलब्ध करा दी, ताकि मामला इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो सके।
आयोग ने यह भी पाया कि सुमन ने पेपर साल्वर के रूप में परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया। इस दौरान आयोग की शुचिता और गोपनीयता भंग हुई एवं इंटरनेट मीडिया पर अफवाह फैलाने में भी उनकी भूमिका मानी गई।
मामले में रायपुर थाने में सुमन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। जांच में पाया गया कि एक शिक्षक होने के नाते सुमन का यह आचरण अमर्यादित और अस्वीकार्य है, जिससे राज्य सरकार और उच्च शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई। यह कृत्य उत्तराखंड कर्मचारी आचरण नियमावली-2002 के प्रविधानों का उल्लंघन है। निलंबन अवधि में सुमन को जीवन निर्वाह भत्ता अर्द्धवेतन के बराबर मिलेगा।
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