उत्तराखंड में आठ साल से अपना इतिहास खोज रहे प्राचीन तलवार और खंजर, साल 2017 में मिली थे ये हथियार
Uttarakhand News भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआइ ) को उत्तराखंड के टिहरी में 2017 में मिली 84 तलवारों भालों और खंजरों की पहचान करने में परेशानी हो रही है। एएसआइ के अधिकारी इनके कालखंड और मटीरियल कंपोजिशन का पता नहीं लगा पाए हैं। इन हथियारों को अब विज्ञान शाखा में भेजा जाएगा जहां एक्स-रे फ्लोरोसेंस ( एक्सआरएफ ) कराया जाएगा।

सुमन सेमवाल, देहरादून। Uttarakhand News: इतिहास को जानकर ही हम भविष्य में सही दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। इतिहास हमें हमारी जड़ों, सभ्यता और क्रमिक विकास की कड़ी की जानकारी भी देता है। यही कारण है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) हमारी ऐतिहासिक धरोहरों न सिर्फ खोज करता है, बल्कि उनकी स्पष्ट पहचान कर उनका संरक्षण भी करता है।
टिहरी में वर्ष 2017 में मिले थे ये हथियार
कई बार अनदेखी और अन्य जटिलताओं के कारण खोज के बाद भी ऐतिहासिक धरोहरों को अपनी पहचान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। टिहरी में वर्ष 2017 में मिली 84 तलवारों, भालों और खंजर के साथ भी ऐसा ही हुआ। आज तक भी एएसआइ के अधिकारी इनके कालखंड और मटीरियल कंपोजिशन का पता नहीं लगा पाए हैं।
सड़क परियोजना निर्माण की खोदाई में मिले थे हथियार
उत्तराखंड के टिहरी जिले के पिपोला ढुंग गांव में जून 2017 में चंपटोक-पिपोला सड़क परियोजना निर्माण की खोदाई में ये हथियार मिले थे। तब आगे के अध्ययन के लिए एएसआइ ने इन्हें कब्जे में ले लिया था। तभी से ये हथियार देहरादून के सर्किल कार्यालय में ज्यों के त्यों रखे गए हैं।
साभार: सोशल मीडिया
जल्द विज्ञान शाखा में भेजे जाएंगे हथियार
मामले में सर्किल कार्यालय के अधीक्षण पुरातत्वविद डा मनोज सक्सेना ने बताया कि जल्द हथियारों को विभाग की ही विज्ञान शाखा में भेजा जाएगा। ताकि हथियारों की अवधि, उनमें प्रयुक्त धातु और बनावट की पहचान के लिए एक्स-रे फ्लोरोसेंस (एक्सआरएफ) कराया जाएगा।
वहीं, मटीरियल कंपोजिशन से हथियारों में प्रयुक्त धातु के लाए जाने वाले स्थल और अन्य तरह की पहचान की जाएगी। सभी तरह के अध्ययन के बाद हथियारों की खोज के संबंध में अंतिम रिपोर्ट का प्रकाशन किया जाएगा। इस रिपोर्ट के बाद भी प्राचीन हथियारों को उनकी गुम पहचान वापस मिल सकेगी।
आरटीआइ में सामने आई इन हथियारों की स्थिति
अजबपुर निवासी राजू गुसाईं ने आरटीआइ में जानकारी मांगकर एएसआइ के सर्किल कार्यालय से हथियारों की वर्तमान स्थिति के बार में पूछा था। जिसके जवाब में सर्किल के अधीक्षण अभियंता राम किशोर मीणा ने बताया कि अभी खोदाई में मिले हथियार पूर्व की स्थिति में ही हैं।
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