Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पापों का विसर्जन है अष्टान्हिका महापर्व, विश्व शांति महायज्ञ के साथ हुई शुरुआत

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Tue, 23 Mar 2021 07:43 AM (IST)

    जैन धर्म के प्रमुख पर्वों में एक अष्टान्हिका महापर्व के तहत दून में श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान और विश्व शांति महायज्ञ रविवार से शुरू हो गया है। आठ दिनों चलने वाले इस महापर्व में श्री श्रीजी का अभिषेक शांतिधारा सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रवचन होंगे।

    Hero Image
    पापों का विसर्जन है अष्टान्हिका महापर्व, विश्व शांति महायज्ञ के साथ हुई शुरुआत।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। जैन धर्म के प्रमुख पर्वों में एक अष्टान्हिका महापर्व के तहत दून में श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान और विश्व शांति महायज्ञ रविवार से शुरू हो गया है। आठ दिनों चलने वाले इस महापर्व में श्री श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा, सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रवचन होंगे। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पर्व के दूसरे दिन सोमवार को जैन भवन स्थित दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में अनुयायियों ने श्री श्रीजी का अभिषेक किया। वहीं, प्रवीण जैन, आशीष जैन व ईशान चंद्र को शांति धारा करने का सौभाग्य मिला। इसके बाद जाप, विधान पूजन, आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर क्षुल्लकरत्न श्री 105 समर्पणसागर महाराज ने प्रवचन में कहा कि अष्टान्हिका पापों का विसर्जन करने वाला पर्व है। 

    इन दिनों मनुष्य ही नहीं, देवता भी विशेष आराधना करते हैं। नंदीश्वर दीप में इस महापर्व पर 24 घंटे ईश्वर की भक्ति में लीन रहते हैं। भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय महामंत्री एनसी जैन ने कहा कि वर्ष में तीन बार आने वाले अष्टान्हिका पर्व के बारे में जैन मतावलंबियों की मान्यता है कि इस दौरान स्वर्ग से देवता आकर नंदीश्वर द्वीप में निरंतर आठ दिन तक धर्म कार्य करते हैं। 

    कार्तिक, फाल्गुन, और आषाढ़ तीनों महीनों के शुक्ल पक्ष में मनाए जाने वाले इस पर्व पर जो भक्त नंदीश्वर द्वीप तक नहीं पहुंच सकते, वे अपने निकट के मंदिरों में पूजा कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि छह महीने की पूजा से मिलने वाले लाभ से कई गुना अधिक फल इन आठ दिनों की पूजा भक्ति से मिलता है। बताया कि आठ दिनों तक चलने वाले महापर्व में अनुयायियों की ओर से 2500 नारियल का चढ़ावा होगा। अंतिम दिन 28 मार्च को महायज्ञ के साथ पर्व का समापन होगा। इस मौके पर अशोक जैन, संदीप जैन, संजय जैन, अलका, ममता, रेनू, राकेश, जैन आदि मौजूद रहे।

    यह भी पढ़ें-सनातनी संस्कृति के संवाहक हैं नागा संन्यासी, जानें- कैसे बनते हैं नागा; बेहद कठिन होती है प्रक्रिया

    Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

    comedy show banner
    comedy show banner