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    उत्तराखंड के शस्त्र लाइसेंस का उत्तर प्रदेश में हो रहा नवीनीकरण, बॉर्डर मीटिंग में हुआ खुलासा

    Updated: Wed, 21 Feb 2024 01:06 PM (IST)

    Uttarakhand उत्तराखंड से जारी शस्त्र लाइसेंस का उत्तर प्रदेश में फर्जी ढंग से नवीनीकरण कराने का राजफाश हुआ है। पुलिस महानिरीक्षक नगन्याल ने बताया कि ल ...और पढ़ें

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    उत्तराखंड के शस्त्र लाइसेंस का उत्तर प्रदेश में हो रहा नवीनीकरण

    जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड से जारी शस्त्र लाइसेंस का उत्तर प्रदेश में फर्जी ढंग से नवीनीकरण कराने का राजफाश हुआ है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस की देहरादून में हुई बार्डर मीटिंग में उत्तर प्रदेश पुलिस ने जानकारी दी कि सहारनपुर जिले के बेहट तहसील क्षेत्र के सात गांवों में लोगों ने शस्त्र लाइसेंस तो उत्तराखंड से बनवाए हुए हैं, जबकि उनका नवीनीकरण उत्तर प्रदेश से किया जा रहा है।

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    पुलिस ने यह जानकारी भी साझा की है कि इन लोगों ने उत्तराखंड से अनापत्ति प्रमाण-पत्र भी नहीं लिए हैं। उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश पुलिस से ऐसे लोगों का सत्यापन करने को कहा है। मंगलवार को पुलिस महानिरीक्षक (गढ़वाल परिक्षेत्र उत्तराखंड) करन सिंह नगन्याल की अध्यक्षता में दून में हुई बॉर्डर मीटिंग में यह मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड पुलिस भी ऐसे लोगों की जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।

    लोकसभा चुनाव से पहले जमा कराए जा रहे हैं शस्त्र

    पुलिस महानिरीक्षक नगन्याल ने बताया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अब शस्त्र जमा कराने की कार्रवाई की जानी है। उत्तराखंड से जारी शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण उत्तर प्रदेश से किस तरह हो रहा है, यह सत्यापन की कार्रवाई के बाद ही सामने आ पाएगा। वहीं, उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आने वाले ग्रामीण मार्गों से शस्त्र, शराब व कैश तस्करी के अंदेशा देखते हुए ऐसे मार्गों पर संयुक्त रूप से गश्त करने पर सहमति बनी।

    बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी

    पुलिस महानिरीक्षक ने उत्तराखंड के सभी बॉर्डर चेकपोस्ट पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की स्थिति जांचने के निर्देश दिए और कहा कि जहां कैमरे नहीं लगे हैं, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। बैठक में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर एवं हिमाचल प्रदेश के सिरमौर व शिमला के अपराधियों की सूची का आदान-प्रदान किया गया तथा वांछित बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए संयुक्त प्रयास करने के निर्देश दिए गए।

    बॉर्डर मीटिंग में शिमला, सिरमौर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर के अलावा गढ़वाल परिक्षेत्र के देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी व उत्तरकाशी जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे।

    गढ़वाल क्षेत्र में रह रहे उत्तर प्रदेश के 1,359 अपराधी

    उत्तराखंड का गढ़वाल क्षेत्र उत्तर प्रदेश के तीन जनपदों सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व बिजनौर के अपराधियों की शरणस्थली बना हुआ है। बार्डर मीटिंग में सामने आया कि देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले में 1,359 अपराधी ऐसे रह रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। ये वर्तमान में जमानत पर हैं।

    यूपी पुलिस से साझा किया अपराधियों का डाटा

    उत्तराखंड पुलिस ने इन अपराधियों का डाटा उत्तर प्रदेश पुलिस से साझा किया है। इसमें मुजफ्फरनगर से डकैती के 12, लूट के 44, हत्या के सात, नकबजनी के 31, चोरी के 134 व अन्य अधिनियम के 57 अपराधी, जबकि सहारनपुर से हत्या में 20, लूट के 46, नकबजनी के 74, चोरी के 206 अन्य के 239 आरोपित यहां रह रहे हैं।

    पिछले पांच साल से कर रहे अपराध

    वहीं, बिजनौर से डकैती के 10, लूट के 35, हत्या के 12, नकबजनी के 26, चोरी के 177 और अन्य अधिनियम के 177 अपराधियों ने यहां ठिकाना बनाया हुआ। यह वह अपराधी हैं, जो पिछले पांच वर्षों में हुए अपराधों में शामिल रहे हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के 81 इनामी व वांछित अपराधियों के भी यहां छिपे होने की सूचना है।

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