जानें कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह जो बने उत्तराखंड के नए राज्यपाल, जानें क्या हैं उनकी नियुक्ति के सियासी मायने
Uttarakhand Politics उत्तराखंड में राज्यपाल के पद पर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह की नियुक्ति के सियासी मायने हैं। राज्य में आने वाले दिनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। यहां सैन्य परिवारों से संबंध रखने वाले वोटरों की संख्या करीब 12 फीसद है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Politics: सैन्य बहुल प्रदेश उत्तराखंड में राज्यपाल के पद पर केंद्र सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह की नियुक्ति की। अगले विधानसभा चुनाव से पहले नए राज्यपाल की नियुक्ति को सियासी नजरिए से अहम माना जा रहा है।
उत्तराखंड में हर परिवार से एक सदस्य सेना में है या सैन्य परिवार से उसके संबंध हैं। तकरीबन ढाई लाख पूर्व सैनिक और वीर नारियां राज्य में निवास करते हैं। सैन्य परिवारों से ताल्लुक रखने वाले मतदाताओं की तादाद कुल मतदाताओं का तकरीबन 12 फीसद मानी जाती है। इसी वजह से हर राजनीतिक दल इन्हें लुभाने में कसर नहीं छोड़ता। सेना के प्रति राज्यवासियों में लगाव की बड़ी वजह राज्य की सीमाएं दो देशों चीन और नेपाल से सटी होना भी है। चीन के साथ तनाव बढ़ने के बाद उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में भी सेना की चौकसी बढ़ाई जा चुकी है।
लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सेना में उच्च पदों पर रहे हैं। इस दौरान वह चीन से जुड़े सामरिक मामलों को भी देख चुके हैं। राज्य के आठवें राज्यपाल के तौर पर सैन्य बहुल और सीमांत राज्य में उनकी नियुक्ति को केंद्र की खास रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। गुरमीत सिंह राज्य में सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दूसरे राज्यपाल होंगे। उत्तराखंड के पहले राज्यपाल सरदार सुरजीत सिंह बरनाला थे। उत्तराखंड में ऊधमसिंह नगर जिले में सिख मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है।
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प्रदेश की सियासत में जगह बनाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी भी पूर्व सैन्य अधिकारी को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर आगे कर चुकी है। लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह की नियुक्ति को सियासी दलों की इस काट का जवाब भी माना जा रहा है।
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लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का संक्षिप्त जीवन परिचय:
- सेना से 2016 में सेवानिवृत्त हुए। सेना में करीब 40 वर्ष की सेवा के दौरान उन्होंने चार राष्ट्रपति पुरस्कार और दो चीफ आफ आर्मी स्टाफ कमंडेशन अवार्ड भी प्राप्त किए।
- डिप्टी चीफ आफ आर्मी स्टाफ रहे
- एडजुटेंट जनरल और 15 कार्प्स के कमांडर
- चीन मामलों से जुड़े मिलिट्री आपरेशन के निदेशक
- नेशनल डिफेंस कालेज और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ से स्नातक
- चेन्नई और इंदौर विश्वविद्यालयों से दो एम फिल डिग्री
- चेन्नई विश्वविद्यालय से कर रहे हैं 'स्मार्ट पावर फार नेशनल सिक्योरिटी डायनेमिक्स' विषय पर पीएचडी।
- सैनिक स्कूल कपूरथला, पंजाब से स्कूलिंग।
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