देहरादून की नदियों में एंगलिंग कर सकेंगे सैलानी, पहले चरण में तीन नदियों के लिए बना प्लान
देहरादून में अब पर्यटक नदियों में मछली पकड़ने का आनंद ले सकेंगे। जिला मत्स्य विभाग ने यमुना टोंस और अमलावा नदी में एंगलिंग के लिए पांच सहकारी समितियों को लाइसेंस जारी किए हैं। देशी पर्यटकों के लिए 75 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 150 रुपये प्रतिदिन शुल्क निर्धारित है। इस पहल से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

विरेंद्र कुमार जागरण संवाददाता, देहरादून। राजधानी दून की घाटियों में पर्यटक घुमने के साथ ही अब एंगलिंग (मछली पकड़ना) का आनंद ले सकेेंगे। शुरूआती दौर में एंगलिंग गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति सहकारी समितियों को दी गई है। वहीं, भविष्य में पर्यटकों के शौक व संख्या के आधार पर एंगलिंग प्रतिस्पर्द्धा आयोजित की जा सकेगी। उधर, एंगलिंग के जरिये स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला मत्स्य विभाग के मुताबिक, जिले की तीन नदियों में एंगलिंग की संभावना को तलाशते हुए पहले चरण में पांच सहकारी समितियों को लाइसेंस जारी किए गए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि दून की तीन नदियों यमुना, टोंस व अमलावा नदियों में पयर्टक एंगलिंग कर सकेंगे।
महाशीर मछली को पकड़ने के लिए दुनियाभर के पर्यटकों में आकर्षण रहता है। देशी और विदेशी नागरिक मनोरंजन(स्पोर्ट्स) के लिहाज से मछली पकड़ने के बाद इनको दोबारा नदियों में छोड़ दिया जाता है। वहीं एंगलिंग करने के लिए देशी पर्यटकों से 75 व विदेशी पर्यटकों को 150 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से निर्धारित फीस समिति कार्यालयों में जमा करानी होगी।
स्थानीय स्तर पर लोगों को मिलेगा रोजगार
जिले में एंगलिंग की शुरूआत होने से विलुप्त हो रही महाशीर मछली के अवैध कारोबार पर रोक व इसके संरक्षण को बल मिलेगा। उधर, एंगलिंग के शौकिन पर्यटक होटल, होमस्टे में ठहरने के साथ-साथ भोजन व अन्य गतिविधियां संचालित होंगी। एंगलिंग एक लोकप्रिय शौक है, जो लोगों को प्रकृति के करीब लाता है। इससे तनाव कम करने में मदद मिलती है। वहीं मछली पकड़ने के उपकरण बेचना, मछली पकड़ने के पर्यटन का आयोजन व प्रशिक्षक के रूप में काम करने से स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
कहां-कहां कर सकते हैं पर्यटक एंगलिंग
- नदी - बीट का नाम - समिति नाम
- टोंस - अणु गांव से फेडीज पुल तक -देवी माता मत्स्य जीवी सहकारी समिति, ग्राम कुल्हा, चकराता
- यमुना-चामी पुल से क्यारापुल(डामटा)गांव के पास तक -जय शैल कुडिया देवता मत्स्य जीवी सहकारी समिति, ग्राम नाडा, चकराता
- यमुना-क्यारापुल(डामटा) से डबरेडखड -बत्तसर मत्स्य जीवी सहकारी समिति,गांव भुनोऊ, कालसी
- अमलावा- गाडाछानी(चिबी खेडा) से सेवनाछानी तक -जौनसारी महिला मौन उत्पादक संगठन, कालसी
- अमलावा-सेवनाछानी से व्यासनहरी(यमुना पुल तक) -एसएससी ग्रामीण एवं शहरी विकास समिति, सहिया
जिले में पांच सहकारी समितियों को एंगलिंग के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं। समितियों की निगरानी में ही पर्यटक एंगलिंग करेंगे। आगामी दिनों में समितियों की निगरानी में प्रतियोगिता भी आयोजित हो सकेंगी। परिणाम बेहतर रहे तो जिले की अन्य समितियों को भी लाइसेंस जारी किए जाएंगे। वहीं जिले में अन्य स्थानों पर भी एंगलिंग की संभावना तलाशी जा रही हैं। -विनोद यादव, जिला प्रभारी, मत्स्य विभाग
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